कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में रैली करते हुए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है, तो हर गरीब को यूनिवर्सल बेसिक इनकम के तहत न्यूनतम आय की गारंटी मिलेगी.
क्या कहा राहुल गांधी ने
“हम एक ऐतिहासिक फैसला लेने जा रहे हैं, जो दुनिया की किसी भी सरकार ने नहीं लिया है. 2019 का चुनाव जीतने के बाद देश के हर गरीब को कांग्रेस पार्टी की सरकार न्यूनतम आमदनी गारंटी देगी. हर गरीब व्यक्ति के बैंक खाते में न्यूनतम आमदनी रहेगी.”
दरअसल राहुल गांधी ने गारंटी की बात कर छत्तीसगढ़ में जिस मुद्दे को उठाया है, उसे अधिकांश जनता की दुखती रग कह सकते हैं. आपको बता दें कि भारत जैसे देश में ऐसे कई लोग हैं जो असंगठित रोजगार की मार झेल रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी ने ‘न्यूनतम रोजगार गारंटी’ की बात कह कर उस एक जमात को साधने की कोशिश की है जो दिन भर काम करने के बाद शाम के समय खुद को ठगा महसूस करता है.
क्यों है इस स्कीम की जरूरत?
यूनिवर्सल बेसिक इनकम से लोगों के जीवनस्तर में बहुत हद तक बदलाव आ सकता है. इससे असमानता को पाटने में मदद मिलेगी और गरीबी खत्म की जा सकती है. लोग इससे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे, जो इतनी सारी योजनाओं के लागू होने के बाद भी नहीं हो पा रही है.
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड और बिहार के कई इलाकों में सरकारी नीतियों की उपेक्षा के कारण लोगों को अपना बुनियादी हक नहीं मिल पाया है. पिछले एक साल में सिर्फ झारखंड राज्य में भूख के कारण कई मौतों ने सिस्टम पर सवाल खड़े किए थे. किसानों की आत्महत्या और बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी इस योजना को मुख्य काट हो सकता है.
भारत इस साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 119 देशों की सूची में 103वें नंबर पर आया था. वहीं एचडीआई की 189 देशों की सूची में 130वें नंबर पर है. इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भारत 195 देशों की सूची में 145वें स्थान पर है. जो देश के लोगों के औसत जीवन स्तर को बयां करता है. इसलिए भी यूबीआई की जरूरत महसूस की जा रही है.