लोकसभा में बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने एक बार फिर से बेरोजगारी की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने कहा कि न तो यूपीए सरकार और न ही मौजूदा एनडीए सरकार बेरोजगारी की समस्या को सुलझाने में सफल रही है। उनका कहना था कि दोनों ही सरकारों ने युवाओं के रोजगार के मुद्दे पर कोई ठोस समाधान नहीं दिया है, जबकि यह समस्या पूरे देश में गहराई से मौजूद है।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, “हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं, यह सही है, लेकिन बेरोजगारी एक सार्वभौमिक समस्या बनकर सामने आई है। ना तो यूपीए सरकार और ना ही एनडीए सरकार ने इस समस्या का समाधान किया है।”
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिया स्पष्टीकरण
राहुल गांधी ने अपने हाल ही में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर दिए गए बयान पर भी सफाई दी। 31 जनवरी को उन्होंने राष्ट्रपति के भाषण को “बोरिंग” और “पुअर थिंग” बताया था। उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि राष्ट्रपति के भाषण के दौरान मुझे ध्यान बनाए रखने में मुश्किल हुई, क्योंकि यह वही पुरानी बातें थीं जो पिछले कई सालों से कही जा रही हैं। इसमें सरकार की उपलब्धियों की वही लिस्ट थी जो हर बार दिखाई जाती है।”
मेक इन इंडिया पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य था कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाए, लेकिन इसके परिणाम दिखने के बजाय मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में गिरावट आई है। “2014 में यह 15.3% था, जो अब घटकर 12.6% हो गया है, जो कि पिछले 60 सालों में सबसे कम है।” राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयास किए, लेकिन वो इस पर सफल नहीं हो पाए।
चीन को पैसे देने का आरोप
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियां चीन को लाभ पहुंचा रही हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में मोबाइल फोन असेंबल जरूर होते हैं, लेकिन उनके सभी पुर्जे चीन में बनते हैं। “हम चीन को पैसे दे रहे हैं, जबकि हम खुद मैन्युफैक्चरिंग को ठीक से व्यवस्थित नहीं कर पा रहे हैं,” राहुल ने कहा।