लखनऊ: केंद्रीय मंत्री और अमेठी में भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के आरोपों के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने बहनोई राबर्ट वाड्रा से प्रचार करवाएंगे। यही वजह है कि बुधवार को अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन के वक्त राबर्ट वाड्रा मौजूद थे। पहले लग रहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में राबर्ट वाड्रा की बार-बार पेशी की वजह से इस बार राहुल अमेठी से वाड्रा को दूर ही रखेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राबर्ट वाड्रा को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का पति होने की वजह से सरकार बदले की भावना से परेशान कर रही है, इसलिए राहुल या पार्टी क्यों वाड्रा से दूरी बनाएं। उन्होंने कहा कि राहुल ने कभी नहीं कहा है कि राबर्ट वाड्रा के खिलाफ सरकार जांच नहीं कराए, बल्कि उन्होंने तो कई बार यह कहा है कि वाड्रा और राफेल के आरोपियों की समान रूप से जांच कराई जाए।
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कांग्रेस में बताया जा रहा है कि स्मृति ईरानी से मुकाबला होने के बावजूद राहुल गांधी अमेठी में वैसे ही चुनाव लड़ेंगे जैसे पूर्व के चुनावों में लड़ते आए हैं। पार्टी ने साफ कर दिया है कि अमेठी में चुनाव की रणनीति बदलने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि स्मृति ईरानी को लेकर राहुल या प्रियंका बिलकुल भी चिंतित नहीं हैं। यानी अमेठी में राहुल की बजाय प्रियंका गांधी वाड्रा ही प्रचार की कमान संभालेंगे और वह ही अधिक समय देंगी।
प्रियंका की वजह से राबर्ट वाड्रा भी राहुल की खातिर युवाओं के बीच प्रचार के लिए जाते रहे हैं, उनकी वहां मौजूदगी भी वैसी ही रहने वाली है। चुनाव प्रबंधन से जुड़े एक नेता ने कहा कि स्मृति ईरानी भले ही ईडी और दूसरी एजेंसियों का नाम लेकर वाड्रा पर कितने भी कटाक्ष करें पार्टी इससे विचलित नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी स्मृति ईरानी के आरोपों का जवाब देकर उन्हें महत्व नहीं देगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वाड्रा स्मृति को जवाब देते हैं तो यह उनका निजी विषय होगा।