नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसका जवाब वायनाड में ही देंगे कि वो यहां से चुनाव लड़ने क्यों आए हैं। दिल्ली में सवाल किए जाने पर उन्होंने इसका कोई उत्तर नहीं दिया था। कहा जा रहा है कि राहुल वामदलों के राजनीतिक हमलों और मुस्लिम लीग के समर्थन से चुनाव लड़ने संबंधी भाजपा के आरोपों का भी जवाब दे सकते हैं।
यह दिलचस्प रहेगा क्योंकि वामदलों के वरिष्ठ नेताओं माकपा महासचिव सीतराम येचुरी,वरिष्ठ नेता प्रकाश करात और केरल के मुख्यमंत्री ने पी विजयन ने राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले पर न सिर्फ गुस्सा दिखाया है बल्कि यह भी कहा है कि कांग्रेस की असल लड़ाई भाजपा से नहीं है। वामदल के नेतृत्व वाले एलडीएफ ने राहुल को हराने के लिए पूरा जोर लगाने की भी बात कही है। उधर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राहुल के नामांकन की वायनाड में जोरदार तैयारी की है।
नामांकन से पहले राहुल का बड़ा रोड शो रखा गया है। इस रोड शो में प्रियंका गांधी वाड्रा के भी शामिल होने की संभावना है। राहुल संभवत: यहां प्रचार के लिए अधिक आ नहीं पाएंगे,इसलिए रोड शो को ही उनका मुख्य प्रचार बताया जा रहा है। वायनाड में 7 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें वायनाड और मलपुरम में तीन-तीन और कोझीकोड में एक सीट है।रोड शो में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसलिए प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक कार्यकर्ताओं को बार-बार रिहर्सल करा रहे हैं।
केरल से आने वाले महासचिव केसी वेणुगोपाल,वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथैला, प्रदेश अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन और दोनों कार्यकारी अध्यक्ष उनकी मदद में जुटे हैं। राहुल के नामांकन के वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और महासचिव ओमन चांडी भी मौजूद रहने वाले हैं। कांग्रेस राहुल को पूरे यूडीएफ का उम्मीदवार प्रदर्शित करना चाहती है, इसलिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। वायनाड में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी संख्या है, इसलिए भाजपा ने राहुल पर ध्रुवीकरण के जरिए आसान जीत का भी आरोप लगाया है।