भारतीय रेलवे ने देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार के बीच एक ऐसा सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है, जो हजारों लोगों की जान बचाने में उपयोगी हो सकता है। इस सस्ते वेंटिलेटर को ‘जीवन’ नाम दिया गया है। इसे कपुरथला रेल डिब्बा कारखाना ने विकसित किया है। और ICMR से इसे मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में वेंटिलेटर की भारी कमी है। अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या 57 हजार है। यदि संक्रमण ऐसे ही फैलता रहा तो खराब स्थिति में देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत पांच लाख रुपये से 15 लाख रुपये है।
जबकि रेलवे के डिब्बा कारखाने (आरसीएफ) के महाप्रबंधक रविंदर गुप्ता ने कहा, ‘‘जीवन वेंटिलेटर की कीमत बिना कंप्रेसर के करीब दस हजार रुपये होगी। एक बार हमें आईसीएमआर की मंजूरी मिल जाये तो हमारे पास रोजाना 100 वेंटिलेटर बनाने के संसाधन मौजूद हैं।”
गुप्ता ने कहा कि इसे आरसीएफ की टीम ने तैयार किया है। इसमें मरीज के श्वसन को चलाने के लिये एक वॉल्व लगाया गया है। जरूरत के हिसाब से इसके आकार में बदलाव किया जा सकता है। और यह बिना आवाज किये चलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने आज कुछ अंतिम परीक्षण किये है और अब हमारे पास पूरी तरह से चलने लायक आपातकालीन वेंटिलेटर है, जिसकी लागत बाजार में उपलब्ध सामान्य वेंटिलेटर की तुलना में एक तिहाई है। यदि हम इसमें कुछ इंडिकेटर भी लगायें तब भी इसकी कीमत 30 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी।”
रेलवे ने न केवल वेंटिलेटर तैयार किया है बल्कि इन दिनों रेलवे ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सैनिटाइजर रूम बनाने में भी सफलता हासिल की है। हरियाणा के यमुनानगर में भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक फ्यूमिगेशन टनल/ सैनिटाइजेशन रूम का निर्माण किया है। ट्रेन के कोच को कुछ इस तरह तैयार किया है कि इससे गुजरते ही पूरे शरीर पर कीटाणु नाशक स्प्रे का छिड़काव होगा और शरीर कीटाणुमुक्त हो जाएगा।
जानिए फ्यूमिगेशन टनल की पूरी तकनीक और कैसे करेगा काम:
- यह फ्यूमिगेशन टनल रेलवे के जगाधरी वर्कशॉप में एक माल डिब्बे में तैयार किया गया है। रेल मंत्रालय के अनुसार इस फ्यूमिगेशन टनल को जगाधरी वर्कशॉप के मालडिब्बा शॉप, मिलराई शॉप और मशीन शॉप के कर्मचारियों ने बनाया है।
- इसे प्रेशर पाइप के आगे सॉकेट और नोजल लगा कर बनाया गया है।
- जब कोई व्यक्ति इस सैनिटाइजर रूम में प्रवेश करेगा तो उस पर नोजलों द्वारा सैनिटाइजर की स्प्रे होनी शुरू हो जाएगी और आउटगेट तक जाते-जाते पूरा शरीर सैनिटाइज हो जाएगा।
- इस प्रक्रिया से न सिर्फ कोरोना बल्कि सभी तरह के वायरस/कीटाणु पूर्णत नष्ट हो जाएंगे और वह व्यक्ति सुरक्षित हो जाएगा।
- इस प्रकार के सैनिटाइजर वैगन रूम का इस्तेमाल अस्पतालों, कारखानों, दफ्तरों और अन्य भीड़ वाले स्थानों पर बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए किया जा सकता है।