राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: भजनलाल सरकार ने 9 जिलों और 3 संभागों को किया खत्म

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार ने शनिवार को एक बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गहलोत सरकार के समय बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म करने का निर्णय लिया गया। यह फैसला राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव का संकेत देता है।
कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 20 नए जिलों का गठन किया था, जिनमें से 9 जिलों और 3 संभागों को भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया है। मंत्री पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि 20 जिलों में से 8 जिले यथावत रहेंगे।
गहलोत सरकार के दौरान बने जिलों का क्या हुआ?
भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के दौरान बने 9 जिलों को समाप्त करने का फैसला किया है। ये जिले हैं-
  1. दूदू
  2. केकड़ी
  3. शाहपुरा
  4. नीमकाथाना
  5. गंगापुरसिटी
  6. जयपुर ग्रामीण
  7. जोधपुर ग्रामीण
  8. अनूपगढ़
  9. सांचौर
इन जिलों को खत्म करने के साथ ही तीन नए संभागों को भी निरस्त किया गया। यह संभाग थे-
  1. बांसवाड़ा
  2. सीकर
  3. पाली
इस निर्णय के साथ ही राज्य में अब कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
मंत्री जोगाराम पटेल ने इस फैसले की वजह बताते हुए कहा कि गहलोत सरकार के अंतिम समय में आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जिलों और संभागों का गठन किया गया था, जो व्यवहारिक नहीं था। साथ ही इन जिलों की जनसंख्या और प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। कैबिनेट की कमेटी ने यह पाया कि इन जिलों का गठन राज्य की विकासात्मक जरूरतों के हिसाब से सही नहीं था, और अब इनका समाप्त होना जरूरी था।
राजस्थान का प्रशासनिक ढांचा
राजस्थान राज्य का गठन 1956 में हुआ था, और तब राज्य में कुल 26 जिले थे। इसके बाद धीरे-धीरे जिलों की संख्या बढ़ती रही। 2000 के दशक के बाद नए जिलों का गठन हुआ था, और गहलोत सरकार के दौरान राज्य में कुल 20 नए जिले बनाए गए थे। लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इन जिलों का पुनः आकलन किया और कुछ जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया है।
अब राजस्थान में 7 संभाग और कुल 41 जिले ही रहेंगे। यह फैसला प्रशासनिक रूप से राज्य के विकास और शासन की दिशा में बदलाव का संकेत है।
ग्रामीण इलाकों में पुनर्गठन और रोजगार योजना
कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान की ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देने का भी वादा कर रही है। यह कदम राज्य में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
पटेल ने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें। इसके साथ ही उन्होंने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। अब तक CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) एग्जाम में एक साल तक का स्कोर ही काउंट होता था, लेकिन अब यह तीन साल तक काउंट होगा, जिससे उम्मीदवारों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
राज्य की प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से निर्णय
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने यह निर्णय राज्य के प्रशासनिक और विकासात्मक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इस फैसले से राज्य में जिलों का पुनर्गठन होगा, जो राज्य के बेहतर संचालन और शासन व्यवस्था के लिए जरूरी है। इसके अलावा, नई रोजगार योजनाओं से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, और खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जरूरतमंदों को मदद मिलेगी।
भजनलाल सरकार का यह कदम राज्य के प्रशासनिक ढांचे को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles