नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। आपको कोरोना है या नहीं… ये पता लगाने वाली रैपिड टेस्ट किट फेल हो रही है। रैपिड टेस्ट के नतीजे संतोषजनक नहीं बताए जा रहे हैं, मतलब कि इस किट से जो सैंपल लिए जा रहे हैं, वो पहले तो नेगेटिव आ रहे हैं, लेकिन बाद मरीज पॉजिटिव हो जाता है। रैपिड टेस्ट किट फेल होने का ये दावा हम नहीं, बल्कि राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं।
फेल हो रही है कोरोना टेस्टिंग किट
इसी की वजह से राजस्थान सरकार ने रैपिड टेस्ट किट से टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस किट को कोरोना जांच में फेल पाया गया। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा के अनुसार, पहले रैपिड टेस्ट किट से 1232 लोगों के टेस्ट किए गए। तब सिर्फ दो लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के संकेत मिले। उसके बाद किट की जांच करने के लिए कुछ कोरोना संक्रमितों की इन किटों से जांच की गई, तो कोरोना संक्रमितों के नतीजे भी नेगेटिव आए। जिसके बाद राजस्थान सरकार ने इस किट को फेल कर दिया है और टेस्टिंग पर फिलहाल रोक लगा दी है। अब राजस्थान सरकार इस किट को लौटाने पर आइसीएमआर से विचार विमर्श कर रहा है।
किट को लेकर असंतोष जता रहे हैं राज्य
आपको बता दें कि राजस्थान भारत का पहला राज्य था, जहां रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल को सबसे पहले मंजूरी दी गई थी। इस किट के रिजल्ट 99 फीसदी आने की उम्मीद थी, लेकिन अफसोस इसमें छह फीसदी से 71 फीसदी तक अंतर आ रहा है। ऐसे में अब आइसीएमआर ने किट की गुणवत्ता की जांच के लिए अपने आठ संस्थानों को इस पर रिसर्च करने के लिए लगाया है। फिलहाल, अब इस किट का इस्तेमाल कोरोना मरीज का पता लगाने के बजाय वायरस सर्विलांस के लिए किया जा रहा है, लेकिन किट के रिजल्ट को देखते हुए अब सर्विलांस में भी गलत नतीजे की आशंका बढ़ गई है। आइसीएमआर के अनुसार, रैपिड टेस्ट में एक राज्य में कोरोना की पहचान कम होने की शिकायत मिलने के बाद तीन अन्य राज्यों से भी रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन सभी राज्यों ने इस किट से असंतोष जताया है।
ये रैपिड टेस्ट किट की एक बड़ी खेप पिछले हफ्ते ही चीन से आई थी। भारत ने चीन से 6.5 लाख रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाए थे। अब ऐसे में चीन से आने वाली इन रैपिड टेस्ट किटों पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या चीन फिर से भारत के साथ कोई खेल तो नहीं करने में लगा है। इधर, फील्ड परीक्षण के बाद आइसीएमआर अब इस किट के इस्तेमाल के बारे में नई एडवाइजरी जारी करेगा। ऐसे में अगर लगता है किट से किए गए टेस्ट सैंपल में कोई समस्या है, तो फिर किट को बदलने के लिए कहा जाएगा।