सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में दो स्वदेशी युद्धपोत को हरी झंडी दिया । इन दोनों युद्धपोतों के सेना में शामिल होने के बाद, भारतीय नौसेना युद्धपोत आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) तथा आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) के जरिए पूरी दुनिया को अपनी समुद्री ताकत दिखाएगी। आपको बता दें कि भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन होगा क्योंकि इन दोनों ही युद्धपोतों की डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है।
फ्रंटलाइन युद्धपोत ‘सूरत’ और ‘उदयगिरी’ आनेवाले समय के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं। गौरतलब है कि कोलकता-क्लास डेस्ट्रोयर युद्धपोत के मुकाबले, युद्धपोत आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15B का चौथा युद्धपोत और प्रोजेक्ट 15A एक बड़ा मेकओवर है।
युद्धपोत सूरत को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है और इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक-राजधानी सूरत के नाम पर रखा गया है। सूरत को मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा कॉमर्शियिल-हब माना जाता है।
युद्धपोत ‘उदयगिरी’ (फ्रिगेट) जिसका नाम आंध्र प्रदेश में पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखा गया है, प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा जहाज है। यह युद्धपोत आधुनिक उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है।