विजयदशमी के खास मौके पर, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सुकना कैंट में शस्त्र पूजन किया। इस दौरान उन्होंने सेना के जवानों के साथ बातचीत की और उनका हालचाल भी जाना। साथ ही, उन्होंने जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा, “आज का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जब भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की, यह मानवता की जीत थी।” उन्होंने विजयदशमी के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि यह दिन हमें अपने मूल्यों और धर्म की रक्षा का संदेश देता है।
दुश्मनी की बातें और शस्त्रों की पूजा
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। उन्होंने कहा, “हमारे दिल में किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। हमने केवल तभी युद्ध लड़ा है जब हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया गया।” उन्होंने शस्त्र पूजा के महत्व को भी बताया, यह एक प्रतीक है कि आवश्यकता पड़ने पर हम अपनी पूरी ताकत से अपने धर्म की रक्षा के लिए खड़े हो सकते हैं।
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा बहुत पुरानी है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी ने राक्षसों का नाश करके धर्म की रक्षा की थी। भगवान राम ने भी रावण का वध धर्म की रक्षा के लिए किया। इसलिए, इस दिन देवी और भगवान श्रीराम के शस्त्रों की पूजा की जाती है। राजा विक्रमादित्य ने इस परंपरा की शुरुआत की थी, जो आज भी पूरे देश में मनाई जाती है।