कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। अब छात्रों ने ‘नबन्ना अभिजन’ नाम से एक विरोध मार्च का आयोजन किया है। इस मार्च में छात्र मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए सचिवालय की ओर बढ़ेंगे। यह मार्च पश्चिमबंगा छात्र समाज द्वारा आयोजित किया गया है और इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का समर्थन भी शामिल है।
पुलिस ने इस विरोध मार्च के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। उनका कहना है कि यह मार्च एक गैर-पंजीकृत छात्र संगठन द्वारा आयोजित किया गया है, जिसका मकसद राज्य में अराजकता फैलाना है। पुलिस का आरोप है कि इस विरोध के आयोजकों में से एक ने किसी फाइव स्टार होटल में एक राजनीतिक नेता से मुलाकात की है, और अराजकता फैलाने की साजिश की जा रही है।
सुरक्षा के लिए कोलकाता में 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। बैरिकेडिंग के लिए 19 प्रमुख स्थानों की पहचान की गई है और 26 पुलिस कमिश्नरों को अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा। हेस्टिंग्स, फर्लांग गेट, स्ट्रैंड रोड, और हावड़ा जैसे प्रमुख स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात रहेगा। सुबह 8 बजे से बैरिकेडिंग शुरू कर दी जाएगी और पानी की बौछार करने वाली गाड़ियां और ड्रोन का उपयोग भी निगरानी के लिए किया जाएगा।
नबन्ना कोलकाता में सचिवालय की नई बिल्डिंग है। 2011 से पहले, बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में था। लेकिन 2011 में ममता बनर्जी की सरकार ने हावड़ा में हुबली नदी के किनारे स्थित एक नई बिल्डिंग को सचिवालय के रूप में अपनाया और इसका नाम ‘नबन्ना’ रखा, जिसका बांग्ला में अर्थ ‘नया’ होता है।
टीएमसी और बीजेपी के बीच इस विरोध मार्च को लेकर विवाद बढ़ गया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष का कहना है कि इस मार्च के पीछे एक बड़ी साजिश है, जिसमें बीजेपी, माकपा और कांग्रेस की मदद शामिल है। वहीं, बीजेपी के सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार छात्रों के आंदोलन से डर गई है और इसे दबाने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि सरकार विरोध को कुचलने के लिए पुलिस का उपयोग कर रही है।