रामचरितमानस के कुछ खंडों पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में चल रही बयानबाजी के बीच बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। BSP चीफ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि शूद्र लिखकर वो पिछड़ी जातियों का अपमान कर रही है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार यानी आज ट्वीट करते हुए कहा, “देश में कमजोर और उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस और मनुस्मृति नहीं है। इन वर्गों का ग्रंथ भारतीय संविधान है, जिसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने इनको शूद्रों नहीं एससी, एसटी और ओबीसी की संज्ञा दी है। इन्हें शूद्र कहकर सपा इनका अपमान न करे तथा न ही संविधान की अवहेलना करे।”
उन्होंने ने आगे लिखा, “देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों और ओबीसी समाज के साथ शोषण और नाइन्साफी हो रही है। इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों आदि की उपेक्षा भी होती रही है। इस मामले में मामले में कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी में कोई किसी से कम नहीं है।”
2. इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) February 3, 2023