पुरी। ओडिशा के धार्मिक नगर पुरी में 14 जुलाई यानी रविवार को काफी हलचल रहने वाली है। रविवार को पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला जाएगा और वहां रखी बेशकीमती चीजों का ऑडिट होगा। रत्न भंडार को खोले जाने पर वहां डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रहेगी और सांपों को पकड़ने के लिए भी अलग से टीम लगाई जाएगी। अब आपको बताते हैं कि पिछली बार रत्न भंडार में कितनी संपत्ति मिली थी और इस बार रत्न भंडार को खोलने के लिए किन नियमों का पालन किया जाएगा।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की चाबी 2018 में गुम होने को बीजेपी ने बीते दिनों हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में जोर-शोर से उठाया था। बीजेपी ने वादा किया था कि सरकार बनने पर जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोला जाएगा और वहां रखी संपत्ति का हिसाब होगा। भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का पहला आधिकारिक विवरण साल 1805 में पुरी के तत्कालीन कलेक्टर चार्ल्स गोम्स की रिपोर्ट में आया था।
उस वक्त रत्न भंडार में सोने और चांदी के रत्न जड़े हुए गहने, 128 सोने के सिक्के, 24 सोने के मोहर, चांदी के 1297 सिक्के, तांबे के 106 सिक्के और 1333 किस्म के वस्त्र मिले थे। जबकि, 1978 में जब जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया था, तब वहां सोने के 454 आभूषण और चांदी से बनी 293 चीजें मिली थीं। रत्न भंडार को साल 1982 और 1985 में भी खोला गया था, लेकिन उस वक्त चीजों का हिसाब नहीं किया गया था।
ऐसे में उनकी पूजा करके ही रत्न भंडार को खोला जाएगा। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के जगमोहन के पास ही छोटे मंदिर के स्वरूप में रत्न भंडार है। इसमें दो खाने हैं। बाहर भंडार और भीतर भंडार। इनमें से भीतर भंडार काफी बड़ा है। दोनों ही भंडार में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा को भक्तों की तरफ से चढ़ाई गई बेशकीमती चीजें रखी हैं। इनमें तमाम राजाओं की ओर से भेंट में दी गईं चीजें भी शामिल हैं।