रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास, रिकॉर्ड 765 विकेट के साथ खत्म किया शानदार करियर

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर से संन्यास लेने का ऐलान किया है। गाबा टेस्ट के बाद जब टीम इंडिया के खिलाड़ी मैदान से बाहर आ रहे थे, तब अश्विन ने अपनी रिटायरमेंट का फैसला किया। गाबा टेस्ट के दौरान अश्विन अपनी टीम के खिलाड़ियों को गले लगाते हुए दिखाई दिए और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर अपने संन्यास की घोषणा कर दी। इस दौरान उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली को गले लगाया और हेड कोच राहुल द्रविड़ से भी बातचीत की।

रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि अश्विन अब ऑस्ट्रेलिया में नहीं रहेंगे और वह जल्द ही भारत लौट आएंगे। इस घोषणा के बाद भारतीय क्रिकेट फैंस में शोक की लहर दौड़ गई, क्योंकि अश्विन का करियर शानदार था और उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए कई यादगार पल दिए।

अश्विन का अंतरराष्ट्रीय करियर

रविचंद्रन अश्विन का क्रिकेट करियर सचमुच बहुत ही शानदार रहा। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 106 मैचों में 537 विकेट हासिल किए, जिसमें 37 बार उन्होंने पांच विकेट हॉल और 8 बार 10 विकेट मैच के आंकड़े को छुआ। वनडे में अश्विन के नाम 156 विकेट हैं, वहीं टी20 क्रिकेट में उन्होंने 72 विकेट झटके। इस तरह कुल मिलाकर उनके नाम 765 विकेट का रिकॉर्ड दर्ज है।

इतना ही नहीं, अश्विन ने बल्ले से भी कमाल किया। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 3503 रन हैं और उन्होंने 6 टेस्ट शतक भी लगाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है, जहां उन्होंने 8 शतक लगाए हैं।

अश्विन का टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड और भी शानदार रहा। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेजी से 250, 300 और 350 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके साथ ही वह भारत के लिए सबसे तेजी से 50 से लेकर 500 तक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अश्विन ने एक ही मैच में शतक और पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया है और यह कारनामा करने वाले वह पहले और इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं।

करियर में सबसे बड़ी उपलब्धियां

अश्विन के करियर में कई अहम उपलब्धियां रही हैं। उन्होंने एक सीजन में सबसे ज्यादा 82 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बनाया और वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट करने वाले गेंदबाज रहे। उनके नाम भारत में सबसे ज्यादा 383 विकेट भी हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रेटिंग प्वाइंट हासिल करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। इन सबके अलावा, अश्विन ने अपनी गेंदबाजी के दौरान कई क्रिकेटरों की कारगुजारियों को बिखेरा और टेस्ट क्रिकेट में एक नया युग शुरू किया।

अश्विन की सफलता का रास्ता

अश्विन ने हमेशा अपनी गेंदबाजी को एक अलग अंदाज में प्रस्तुत किया। उनके पास अपनी गेंदबाजी को विविधता देने की अद्भुत क्षमता थी। अपनी ऑफ स्पिन के साथ-साथ उन्होंने बल्लेबाजों को चकमा देने के लिए किफायती गेंदबाजी भी की। उनकी गेंदबाजी में ड्राइव, फ्लाइट और रिवर्स स्विंग का बेमिसाल मिश्रण था, जिसने उन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में से एक बना दिया।

इतना ही नहीं, अश्विन का क्रिकेट जीवन सिर्फ गेंदबाजी तक सीमित नहीं था। उन्होंने बल्लेबाज के तौर पर भी अपनी छाप छोड़ी। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई मौकों पर टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा का पता चलता है।

प्रमुख जीत और सम्मान

अश्विन ने भारतीय क्रिकेट टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाईं। वह 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम में भी शामिल थे। इसके अलावा, अश्विन ने 2010 और 2016 में एशिया कप भी जीते और दोनों बार भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे।

2016 में अश्विन को आईसीसी के सबसे बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटर का अवार्ड भी मिला और वही साल था जब उन्हें आईसीसी के “मेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर” का खिताब भी मिला। 2015 में अश्विन को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जो भारत के शीर्ष क्रिकेटरों के लिए एक प्रतिष्ठित सम्मान है।

अश्विन के प्रभाव का आकलन

अश्विन ने केवल क्रिकेट मैदान पर ही नहीं, बल्कि टीम की रणनीति और मानसिकता को भी एक नई दिशा दी। उनका खेल कभी भी एकतरफा नहीं था, बल्कि उन्होंने हमेशा परिस्थितियों के अनुसार अपने खेल को ढाला। चाहे वह पिच हो या बल्लेबाज की शैली, अश्विन ने हमेशा खुद को उसी के अनुसार ढाला और अपने खेल में सुधार किया। उनका यह दृष्टिकोण उन्हें दूसरे गेंदबाजों से अलग बनाता है।

करियर का समापन

अश्विन ने अपना करियर शानदार तरीके से खत्म किया है। अपने संन्यास के बाद वह क्रिकेट के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए कोचिंग और कमेंट्री जैसी भूमिकाओं में भी आ सकते हैं। उनकी गेंदबाजी तकनीक और अनुभव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हालांकि अब उनका टेस्ट करियर खत्म हो गया है, लेकिन उनके नाम दर्ज किए गए रिकॉर्ड्स को तोड़ पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।

अश्विन का करियर भारतीय क्रिकेट के लिए अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने टीम इंडिया को न केवल रिकॉर्ड्स दिए, बल्कि अपने खेल से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया।

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