रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक नतीजों का गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि चेक-क्लियरिंग साइकल को मौजूदा दो कारोबारी दिनों से घटाकर कुछ घंटों में किया जाएगा. बता दें, अभी तक, चेक को बैच प्रोसेसिंग मोड में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत क्लियर किया जा रहा था. गवर्नर ने कहा कि CTS में ‘ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर क्लियरिंग शुरू करके क्लियरिंग साइकल को कम करने का प्रस्ताव है.
रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक नतीजों का गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया, जिसमें उन्होंने कहा कि चेक-क्लियरिंग साइकल को मौजूदा दो कारोबारी दिनों से घटाकर कुछ घंटों में किया जाएगा.जिसका मतलब है कि चेक प्रस्तुत किए जाने के दिन कुछ घंटों के भीतर क्लियर हो जाएंगे, जिससे चेक भुगतान में तेजी आएगी और भुगतानकर्ता और आदाता दोनों को लाभ होगा.
RBI मौद्रिक नीति की बैठक नतीजों के दौरान हुई घोषणा
चेक क्लियरेंस की नई व्यवस्था चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) वर्तमान में चेक जमा करने से दो दिनों तक के क्लियरिंग साइकल के साथ चेक को प्रोसेस करता है. गवर्नर के बयान के अनुसार, RBI MPC मीट में नई घोषणा के तहत, चेक अब कुछ घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किए जाएंगे और कारोबारी घंटों के दौरान लगातार जारी रहेंगे. इस प्रकार, समाशोधन साइकल वर्तमान T+1 दिनों से घटकर कुछ घंटों का रह जाएगा.
चेक ट्रंकेशन सिस्टम क्या है?
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) चेक को इलेक्ट्रॉनिक रूप से क्लियर करने की एक प्रक्रिया है, न कि प्रस्तुतकर्ता बैंक द्वारा भुगतानकर्ता बैंक शाखा में भौतिक चेक को संसाधित करने की. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक क्लियरेंस को तेज करने के लिए 2021 में यह कदम उठाया है.