भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन के मामले में ग्राहकों के हक में बुधवार को बड़ा निर्णय लिया है। लोन लेने वालों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने और विनियमित संस्थाओं के बीच जिम्मेदार ऋण देने के आचरण को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने नए निर्देश जारी किए है। आरबीआई के नए फैसले के मुताबिक, लोन चुकाने बाद प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट वापस देने में बैंक, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां देरी करते हैं तो उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना होगा। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से लोन चुकाने वाले ग्राहकों को काफी फायदा होगा।
To address the issues faced by the borrowers and towards promoting responsible lending conduct among the Regulated Entities, RBI issues directions — The Regulated Entities shall release all the original movable/immovable property documents and remove charges registered with any… pic.twitter.com/ZPc8xCn49n
— ANI (@ANI) September 13, 2023
रिजर्व बैंक ने प्रॉपर्टी पर लोन के मामले में बुधवार की सुबह नया आदेश जारी किया है। आरबीआई ने ऑर्डर स्मॉल फाइनेंस बैंकों समेत सभी कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों व एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियों को यह नया आदेश जारी किया है।
आपको बता दें कि इस संबंध में रिजर्व बैंक को लंबे समय में शिकायतें मिल रही थी। लोन को पूरा चुकाने या सेटल करने के बाद भी ग्राहकों को बैंकों और एनबीएफसी आदि प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट समय में नहीं दे रहे है। ऐसे में विवाद और मुकदमेबाजी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही थी। इसलिए केंद्रीय बैंक ने यह निर्देश जारी किए है।