रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की आज यानी शुक्रवार को बैठक हुई. बैठक में लगातार 7वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 पर ही बरकरार रखा गया. इससे पहले, इकोनॉमिस्ट्स ने भी अनुमान जताया था कि नए वित्त वर्ष की पहली MPC बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए जाने की उम्मीद है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में हुई MPC की ओर से रेपो रेट में बदलाव नहीं किए जाने का साफ मतलब है कि होम लोन EMI पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. RBI की बैठक में किए गए इस फैसले के बाद अचानक EMI में बढ़ोतरी किए बिना आप अपने EMI को आसानी से मैनेज कर सकते हैं.
घर खरीदने वालों को फायदा
RBI के इस फैसले का लाभ उन्हें भी मिलेगा जो EMI पर नया घर खरीदना चाहते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार 7वीं बार रेपो रेट न बढ़ाए जाने के फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो EMI पर घर खरीदने का विचार कर रहे हैं. ऐसे लोग अभी होम लोन पर जो ब्याज दर चल रहा है, उसी के मुताबिक घर खरीद सकते हैं.
कहा जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई को काबू में रखने के लिए रेपो रेट को बरकरार रखा है. इससे पहले RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था और इसे बढ़ाकर 6.5% किया गया था.
लगातार 53वें महीने 4 फीसदी से ऊपर महंगाई दर
RBI की ओर से तय किए गए 6 फीसदी के दर से नीचे महंगाई दर बनी हुई है, जो 4 फीसदी से ऊपर है. इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.09 फीसदी रही थी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में भी खुदरा महंगाई दर के 5% के ऊपर रहने का अनुमान है. कहा गाय है कि जुलाई 2024 तक महंगाई दर में गिरावट की संभावना है.
अब जान लीजिए, क्या होती है रेपो रेट?
रेपो रेट का मतलब वो दर जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक साल यानी एक वित्तीय वर्ष में कुल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी पेश करता है. इस दौरान जरूरत के मुताबिक बदलाव किए जाते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसी रेपो रेट के जरिए महंगाई दर को काबू में रखने की कोशिश करता है. इसके घटने या फिर बढ़ने का सीधा असर बैंकों के लोन के इंटरेस्ट यानी ब्याज पर पड़ता है.
अगर आज RBI ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की होती तो अन्य बैंक पर्सनल लोन से लेकर होम लोन और व्हीकल लोन पर चल रहे ब्याज दर को बढ़ा देते. यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए जाने से चल रहे ब्याज दर पहले जैसे ही रहेंगे.