अब उठी प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण की मांग, कांग्रेस ने किया समर्थन

लोकसभा में आर्थिक रुप से पिछड़े सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने के विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की मांग की, जिसका समर्थन कांग्रेस ने भी किया.

प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण की मांग

मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लोकसभा में आर्थिक रुप से पिछड़े सामान्य वर्ग के मुद्दे पर हो रहे चर्चा के बीच प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण की मांग की. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इस मामलें में संसद में एक प्रस्ताव रखा. प्रास्तव रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे दलित आदिवासी, अन्य पिछड़ी जातियों को निजी क्षेत्रों में उचित मौका मिल सकेगा. पासवान के प्रास्तव पर कांग्रेस समेंत तमाम पार्टियां समर्थन करती दिखी.

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1991 के बाद से घटी सरकारी क्षेत्र में नौकरी

देश में 1991 के उदारीकरण के दौर में प्राइवेटाइजेशन का सिलसिला शुरू हुआ. तब से आज तक भारत सरकार ने कई सारी सरकारी इंड्रस्ट्री और कारखानों को प्राइवेट हाथों में सौंप दिया. इसी के साथ केंद्रीय सरकार कई सरकारी संस्थानों भी प्राइवेटाइजेशन कर दिया. इससे सरकारी नौकरियां कम होती चली गई, और आरक्षण का दायरा बढ़ता गया. अब जब सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की बात चल रही है तो राजनीतिक पार्टियां प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण व्यवस्था लागू कराने की मांग करने लगी है.

इस राज्य में प्राइवेट नौकरी में आरक्षण

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल 2017 में प्राइवेट कंपनियों को आरक्षण के दायरे में ला दिया था, सीएम नीतीश कुमार के इस फैसले पर कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी थी. इस बिल के साथ बिहार देश का पहला राज्य बना जहां प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था की गई है. राज्य सरकार जिन कर्मचारियों को आउटसोर्स के करती है, उन कर्मचारियों के चयन में आरक्षण के नियम लागू होते है. कंपनियों को इसका पालन करने के लिए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया था.

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