बीते दिनों पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। वह सिर्फ 1 राज्य में ही अपनी सरकार बना पाई। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार हुई है। इस तरह के चुनाव परिणामों के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के साथ जाने के अपने फैसले पर विचार कर रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गठबंधन की पार्टी आरएलडी अपने फैसले पर गंभीरता से सोच रही है। ऐसे I.N.D.I.A गठबंधन के लिए मुश्लिल खड़ी हो सकती है।
बता दें कि आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने टॉइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में ऐसा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “जल्द ही पार्टी की बैठक होगी, इस बैठक में आगे होने वाले चुनाव के लिए गठबंधन पर विचार किया जाएगा। इसमें विचार किया जाएगा की हमें I.N.D.I.A गठबंधन के साथ रहना है या उससे अलग रास्ते पर चलना है। कांग्रेस तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में असफल रही है।”
इस बातचीत के दौरान RLD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि ‘हम अ्ब आगे का कोई फैसला लेने से पहले कई पहलुओं पर चर्चा करेंगे।’ वहीं मीडिया सूत्रों की मानें तो अगर I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक 6 दिसंबर को हुई होती तो अखिलेश यादव की तरह जयंत चौधरी भी बैठक में शामिल ना होते।
दरअसल, हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में RLD कांग्रेस के सहयोगी दल के रुप में थी। लेकिन इस गठबंधन में कांग्रेस ने आरएलडी को केवल एक ही सीट दी थी। RLD ने केवल भरतपुर की सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर आरएलडी ने अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे सुभाष गर्ग को अपना उम्मीदवार चुना था।
हालांकि इस सीट पर सुभाष गर्ग ने जीत भी दर्ज की है। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में हुए चुनाव में आरएलडी ने जाट बहुल क्षेत्र की 6 सीट कांग्रेस से गठबंधन के लिए मांगी थी। माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद किसी भी दल से गठबंधन पर विचार किया जाएगा। ताकि पार्टी अपना पक्ष मजबूती के साथ रख सके।