दिल्ली पानी शुद्धता का विवाद अब सुप्रिम कोर्ट मे पहुंच चुका है। आरओ बनाने वाली कंपनियों ने इसी साल मई के महीने में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश के खिलाफ याचिका डाली है। उस याचिका में यह कहा गया है कि, राष्ट्रीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली का पानी बिल्पीकुल भी पीने लायक नहीं है। इसलिए इस बैन को हटाया जाना चाहिए। हालांकि एनजीटी ने अपने आदेश में कई जगह आरओ के इस्तेमाल पर रोक लगाई है, जिसके खिलाफ आरओ कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसी भी प्रकार का दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने RO निर्माताओं को 10 दिन के अंदर अपनी बात मंत्रालय के सामने रखने को कहा है।
इस याचिका पर सुप्रिम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है कि, आरओ निर्माता 10 दिन के भीतर सरकार के सामने अपनी बात रखें। कोर्ट ने ये भी कहा कि, सरकार को एनजीटी के आदेश और आरओ निर्माताओं की बातों का भी ध्यान रखना है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के उन क्षेत्रों में आरओ फिल्टर का इस्तेमाल नहीं होगा जहां पानी में कुल घुले ठोस पदार्थों (टीडीएस) की गिनती 500 से कम होगी। इसके साथ ही अदालत ने आरओ निर्माताओं को अपनी बात लेकर सरकार के पास जाने का आदेश दिया है।
SC declines to interfere with National Green Tribunal order which prohibited use of RO filters in Delhi areas with Total Dissolved Solids (TDS) less than 500.Court asks RO manufactures to approach Centre&directs govt to consider their representation before passing a notification.
— ANI (@ANI) November 22, 2019
इस खबर के सामने आते ही आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर सीधे-सीधे खाद्य मंत्री राम विलास पासवान पर आरओ कंपनियों से डील होने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने राम विलास पासवान के एक ट्वीट पर उत्तर देते हुए कहा कि, ‘अब असली दर्द निकला बाहर मंत्री जी RO कम्पनी से क्या डील हुई है बता दो?’
अब असली दर्द निकला बाहर मंत्री जी RO कम्पनी से क्या डील हुई है बता दो? https://t.co/Xn7wWuQ8mH
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) November 21, 2019