प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त कुवैत के दौरे पर हैं, और उनके इस दौरे का एक अहम हिस्सा कुवैत में बसे भारतीय समुदाय के साथ संवाद करना है। कुवैत और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को लेकर यह दौरा बहुत मायने रखता है। कुवैत की अर्थव्यवस्था में भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है, और इस योगदान को प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान न सिर्फ मान्यता देंगे बल्कि इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। तो चलिए जानते हैं कि कुवैत की तरक्की में भारतीयों का क्या रोल है, वहां कितने भारतीय रहते हैं, और वे क्या काम करते हैं।
कुवैत में भारतीयों की संख्या और उनका योगदान
कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो कुवैत की कुल आबादी का 21 फीसदी हिस्सा हैं। अगर हम कुवैत में काम करने वाली श्रमिकों की बात करें तो 30 फीसदी कामगार भारतीय हैं। भारत से कुवैत आने वाले लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं और हर क्षेत्र में भारतीयों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।
भारतीय कामगारों का सबसे बड़ा हिस्सा है चिकित्सा क्षेत्र
कुवैत में भारतीयों का सबसे बड़ा योगदान स्वास्थ्य सेवाओं में है। भारतीय डॉक्टर और नर्सेस की इतनी बड़ी संख्या कुवैत में काम करती है कि अगर ये लोग एक साथ कुवैत छोड़ दें, तो वहां की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है। इसके अलावा, कुवैत के तेल के कुओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी भारतीयों का अहम रोल है। भारतीय कामगार कुवैत के इन सभी प्रमुख क्षेत्रों में अहम योगदान देते हैं।
भारतीय कहां से आते हैं?
कुवैत में बसे भारतीयों में सबसे बड़ी संख्या कर्नाटका, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से आने वालों की है। इनमें से कई भारतीय चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर और नर्स के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा कुवैत में भारतीयों का योगदान अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय है, जैसे की कुवैत के तेल उद्योग, निर्माण कार्य, और अन्य मैनुअल और टेक्निकल कामों में।
कुवैत में भारतीयों की यात्रा और विमानन सेवाएं
भारत और कुवैत के बीच आवागमन के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। दोनों देशों के बीच उड़ान भरने वाली विमान सेवाओं में भारतीयों के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाती है। कुवैत एयरलाइंस और जजीरा एयरलाइंस के अलावा भारतीय एयरलाइंस, जैसे एयर इंडिया और इंडिगो भी कुवैत के लिए सीधी उड़ान सेवा प्रदान करती हैं। भारत के कम से कम नौ शहरों से कुवैत के लिए उड़ान सेवाएं उपलब्ध हैं, जो भारतीयों के लिए यात्रा को और भी आसान बनाती हैं।
कुवैत में भारतीयों का वेतन और काम
कुवैत में भारतीय कामगारों को मिलने वाली सैलरी भी भारतीय कामकाजी जीवन के एक अहम हिस्से को दर्शाती है। वहां काम करने वाले अकुशल कामगारों को 100 कुवैती दीनार तक की मासिक सैलरी मिलती है, जबकि अर्धकुशल श्रमिकों को 100 से 170 दीनार तक मिलते हैं। वहीं, कुशल श्रमिकों की सैलरी 120 से 200 कुवैती दीनार तक हो सकती है।
भारत को भेजे जाते हैं अरबों डॉलर
कुवैत में काम करने वाले भारतीयों का एक और महत्वपूर्ण योगदान यह है कि वे अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा भारत भेजते हैं। कुवैत से भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले पैसे का आंकड़ा बहुत बड़ा है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है। कुवैत से भारत आने वाली रकम का आंकड़ा 2.1 अरब कुवैती दीनार यानी लगभग 6.3 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। यही नहीं, कुवैत भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार भी है। 2023-24 में भारत ने कुवैत को 210.32 अरब डॉलर का निर्यात किया और कुवैत से 837.59 अरब डॉलर का आयात किया। इस आयात में ज्यादातर तेल और उससे जुड़े उत्पाद शामिल हैं, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद अहम हैं।
कुवैत-भारत संबंधों की मजबूती
कुवैत के साथ भारत के रिश्ते सिर्फ कामकाजी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भी हैं। कुवैत में भारतीय समुदाय का काफी अच्छा खासा असर है। कुवैत में भारतीयों की मेहनत और लगन से न सिर्फ कुवैत की अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि भारत और कुवैत के बीच एक मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध भी स्थापित हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारतीय समुदाय को धन्यवाद देना और दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाना है। कुवैत में भारतीयों का योगदान न केवल कुवैत की सामाजिक और आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक स्तंभ के रूप में काम करता है।