नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। संघ ने दिल्ली चुनाव को लेकर एक मेगा प्लान तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राह को आसान बनाना है। RSS की यह रणनीति महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान अपनाई गई रणनीति की तर्ज पर आधारित है, जहां संघ की मदद से बीजेपी को शानदार सफलता मिली थी। अब दिल्ली में भी इसी तर्ज पर संघ का पूरा फोकस होगा। आइए जानते हैं, दिल्ली चुनाव में RSS ने किस तरह से तैयार किया है अपना प्लान।
RSS का मिशन – बीजेपी को मिलेगा हर बूथ पर समर्थन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में RSS का मुख्य प्लान बीजेपी की चुनावी ताकत को बढ़ाने के लिए होगा। संघ ने चुनाव में खुद को एक्टिव करने के बजाय अपने अनुषांगिक संगठनों के जरिए बीजेपी का सपोर्ट बढ़ाने की योजना बनाई है। संघ के पदाधिकारी अब दिल्ली के हर बूथ पर कार्यकर्ताओं के साथ छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करेंगे। इन बैठकों में राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, लेकिन किसी पार्टी या उम्मीदवार के बारे में बात नहीं की जाएगी।
चुनावी रणनीति: दिल्ली में होगी डेढ़ लाख गोष्ठियां
RSS का प्लान दिल्ली के सभी 13033 बूथों तक पहुंचने का है। संघ ने प्रत्येक बूथ पर करीब 10 छोटी-छोटी गोष्ठियों का आयोजन करने की योजना बनाई है। संघ के कार्यकर्ता देशभर से दिल्ली में डेरा डालेंगे और इन गोष्ठियों के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करेंगे। इन बैठकों में बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। संघ का कहना है कि यह बातचीत पूरी तरह से राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के बारे में होगी, ताकि लोग समझ सकें कि एक राष्ट्रवादी सरकार क्यों जरूरी है।
बूथ-स्तरीय संपर्क: डोर-टू-डोर प्रचार
RSS के कार्यकर्ता दिल्ली के प्रत्येक बूथ पर डोर-टू-डोर संपर्क करने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत वे साढ़े पांच लाख से ज्यादा घरों तक पहुंचेंगे और लोगों से संवाद करेंगे। RSS के कार्यकर्ता घर-घर जाकर बीजेपी के चुनावी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और बताएंगे कि क्यों दिल्ली में एक मजबूत राष्ट्रवादी सरकार की जरूरत है।
BJP कार्यकर्ताओं के लिए ट्रेनिंग कैंप
इतना ही नहीं, RSS के जमीनी कार्यकर्ता अब बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। इन ट्रेनिंग सत्रों में बताया जा रहा है कि किस वर्ग के मतदाताओं के बीच कौन से मुद्दे उठाने हैं। कार्यकर्ताओं को यह समझाया जाएगा कि किस इलाके में और किस प्रकार की चर्चा की जानी चाहिए, ताकि वोट बैंक में इजाफा हो सके।
राष्ट्रीय मुद्दों पर रहेगी जोर
RSS की बैठकें किसी खास पार्टी या चुनावी उम्मीदवार के समर्थन में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर आधारित होंगी। इन बैठकों में लोगों को यह समझाया जाएगा कि वे चुनाव के दौरान मतदान करते वक्त केवल अपनी क्षेत्रीय राजनीति से ऊपर उठकर देश के समग्र हितों को ध्यान में रखें। संघ का उद्देश्य केवल राष्ट्रीय विचारधारा को फैलाना है, और इस कारण किसी भी दल या पार्टी की पहचान के बजाय राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
आरएसएस के कार्यकर्ताओं की सक्रियता
संघ ने यह भी तय किया है कि उनके सभी कार्यकर्ता चुनाव के दिन तक सक्रिय रहेंगे। यह कार्यकर्ता बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अभियान चलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव के आखिरी दिन तक लोग सही निर्णय लें। RSS की योजना है कि वे जितनी अधिक बैठकें करेंगे, उतने ही अधिक लोग इस अभियान से जुड़ेंगे और राष्ट्रवादी सोच से प्रेरित होंगे।
महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली थी सफलता
RSS की यह रणनीति महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान भी काफी सफल रही थी। इन चुनावों में भी संघ ने इस तरह की गतिविधियों के माध्यम से बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार किया था। संघ की यह रणनीति इतनी कारगर साबित हुई थी कि बीजेपी ने इन राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया। अब दिल्ली में भी वही रणनीति अपनाई जा रही है, ताकि बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी की राह को आसान बनाया जा सके।