राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एक बड़ी बैठक होली के बाद कर्नाटक के बेंगलुरु में होने जा रही है। इस बैठक में संघ के अगले 100 साल के एजेंडे पर चर्चा होगी, साथ ही उन राज्यों के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया जाएगा, जहां बीजेपी को अभी तक सत्ता नहीं मिल पाई है। इनमें पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं। संघ की यह बैठक 21 से 23 मार्च तक चलेगी और इसमें आरएसएस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ बीजेपी और अन्य सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
संघ की बैठक में क्या होगा खास?
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि यह बैठक संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की होगी। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसके अलावा, बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
इस बैठक में संघ के अगले 100 साल के लिए कार्यक्रमों, आयोजनों और अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही, आगामी राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाई जाएगी।
बीजेपी की बंजर जमीन पर खिलेगा कमल
संघ की इस बैठक में पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों पर खास ध्यान दिया जाएगा। इन राज्यों में बीजेपी को अभी तक सत्ता नहीं मिल पाई है। पश्चिम बंगाल और केरल में बीजेपी की सियासी जमीन अभी भी पथरीली है, जबकि बिहार में वह जेडीयू के सहारे सत्ता का स्वाद चखती रही है।
माना जा रहा है कि संघ इन राज्यों में बीजेपी की जीत के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करेगा। इसके लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार का दौरा किया था। उन्होंने इन राज्यों के आरएसएस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सियासी नब्ज की थाह ली।
2025 और 2026 के चुनावों पर फोकस
साल 2025 के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं। बीजेपी असम को छोड़कर इनमें से किसी भी राज्य में अभी तक अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। संघ की यह बैठक इन चुनावों के लिए जीत का मंत्र तैयार करेगी।
संघ का अगले 100 साल का प्लान
संघ के आधिकारिक बयान के अनुसार, 2025 में संघ के 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस निमित्त 2025 से 2026 तक को संघ शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी। साथ ही, संघ के अगले 100 साल के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।
एनआरसी और यूसीसी पर चर्चा
इस बैठक में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। संघ हमेशा से देश में एनआरसी लागू करने और एक देश, एक कानून की वकालत करता रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी।