केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग, जानिए नियम और प्रक्रिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में इस्तीफा दिया है, जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री का सरकारी आवास खाली करना होगा। इस स्थिति में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि केजरीवाल को एक नया सरकारी आवास आवंटित किया जाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, को कामकाज जारी रखने के लिए आवास की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को आवास आवंटित करने के नियम

आम आदमी पार्टी का तर्क है कि चूंकि केजरीवाल के पास दिल्ली में अपना कोई आवास नहीं है, इसलिए उन्हें यह सहूलियत दी जानी चाहिए। राघव चड्ढा के अनुसार, यह कोई सामान्य सुविधा नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय पार्टी को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक आवश्यक साधन है। नियमों के अनुसार, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर केजरीवाल को नई दिल्ली में एक बड़ा बंगला मिलने का अधिकार है। केंद्र सरकार की परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्षों को आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था होती है।

पार्टी कार्यालय के लिए भी आवास मिलता है

शहरी विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, केवल राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों को ही नहीं, बल्कि उनके कार्यालय के लिए भी सरकारी आवास आवंटित किया जाता है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दिल्ली में जनरल पूल से एक आवास आवंटित किया जाता है, जिसके लिए पार्टी को लाइसेंस फीस चुकानी होती है। हालांकि, यह आवंटन तीन साल के लिए ही होता है, और इस दौरान पार्टी को अपने लिए स्थायी कार्यालय का निर्माण करना होता है।

आवास के आवंटन की शर्तें

राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष को आवास आवंटित करने के लिए यह शर्त होती है कि उनके पास न तो खुद का आवास होना चाहिए और न ही किसी अन्य रूप में सरकार से आवंटित आवास होना चाहिए। इस मामले में, चूंकि केजरीवाल दिल्ली से विधायक भी हैं, उन्हें दिल्ली सरकार की तरफ से भी आवास मिलने की संभावना है, लेकिन विधायक के तौर पर उन्हें एक छोटा आवास मिलेगा। वहीं, राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के रूप में उन्हें एक बड़ा बंगला मिलने की उम्मीद है।

राज्य स्तर की पार्टियों के लिए सुविधाएं

राज्य स्तर की पार्टियों को भी दिल्ली में आवास और दफ्तर आवंटित करने की व्यवस्था है। चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त राज्य स्तर की पार्टियों को कैबिनेट की अकोमोडेशन कमिटी की अनुशंसा और संसद में सदस्यों की संख्या के आधार पर आवास दिया जाता है। ऐसी पार्टियों को विट्ठलभाई पटेल हाउस में कार्यालय और आवास उपलब्ध कराया जाता है।

सांसदों और मंत्रियों के लिए आवास

केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के लिए आवास आवंटन की प्रक्रिया अलग है। उन्हें दिल्ली के लुटियंस जोन में आवास दिए जाते हैं। इसके लिए जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट का पालन किया जाता है, जो केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधीन होता है। सांसदों और मंत्रियों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर आवास मिलते हैं, जिसमें टाइप-V से लेकर टाइप-VIII तक के बंगले शामिल होते हैं।

अरविंद केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि पार्टी के संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नियमों और परंपराओं के अनुसार, यदि आवास की व्यवस्था होती है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन होगा।

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