रूस ने बातचीत के लिए बुलाई महत्वपूर्ण बैठक, अमेरिका ने अफगानिस्तान के भाग लेने पर उठाए सवाल !
नई दिल्ली। रूस ने अफगानिस्तान के वर्तमान हालात को देखते हुए मत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। 20 अक्टूबर को होने वाली ‘मास्को फार्मेट’ बातचीत में हिस्सा लेने के लिए रूस ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को भी न्योता दे दिया है। रूस ने तालिबान के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में आमंत्रित कर दिया है। अगस्त में तालिबान की और से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के पश्चात यह पहली बैठक आयोजित की जाएगी। रूसी दूत ज़मीर काबुलोव ने शुक्रवार को मॉस्को में 4 देशों की वार्ता की घोषणा की। इसके साथ ही कहा कि उनका लक्ष्य “अफगानिस्तान में बदलती स्थिति पर एक सामान्य स्थिति पर कार्य करना” होगा।
वहीं अफगानिस्तान को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका का कहना है कि वह रूस द्वारा मंगलवार के लिए घोषित अफगानिस्तान पर वार्ता में शामिल नहीं होगा। जिसमें दो अन्य प्रमुख खिलाड़ी, चीन और पाकिस्तान को शामिल किया जाएगा। विदेश विभाग ने लॉजिस्टिक मुद्दों को भी दोषी ठहराया है लेकिन कहा गया है कि यह रूसी नेतृत्व वाले मंच को “रचनात्मक” मानता है। इस पर विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि “हम आगे चलकर उस मंच में शामिल होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन हम इस सप्ताह भाग लेने की स्थिति में नहीं हैं।”
रूस, चीन और पाकिस्तान तालिबान को उलझाने में सबसे सक्रिय देशों में से एक हैं, जब से इस्लामवादियों ने 20 साल के युद्ध के बाद अमेरिका की वापसी के दौरान अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों सहित चिंता के प्रमुख मुद्दों पर लाभ उठाने की उम्मीद में, संयुक्त राज्य अमेरिका तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के लिए राष्ट्रों को प्रोत्साहित किया है।