रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को यूक्रेन युद्ध के मामले में एक कड़ी चेतावनी दी है। लावरोव ने कहा है कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के मामले में रूस की ‘रेड लाइन’ पार कर दी है। उनका कहना है कि अमेरिका को यह समझना चाहिए कि रूस की ये लाल रेखा किसी मजाक की चीज नहीं है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका मास्को के साथ संयम की भावना खो रहा है, जो खतरनाक है।
लावरोव ने उम्मीद जताई कि अमेरिका को यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के संभावित परिणामों का एहसास होगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि अमेरिका में कुछ जिम्मेदार लोग हैं जो अपने देश के हितों को समझेंगे।”
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि अमेरिका उन सभी देशों का स्वागत करेगा जो यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और उनके लोगों के विशेषाधिकारों और न्यायपूर्ण शांति की योजना का सम्मान करता है और जो भी देश इस दिशा में काम करेगा, उनका अमेरिका स्वागत करेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी हाल ही में शांति की दिशा में संकेत दिए हैं। पुतिन ने भारत, ब्राजील और चीन का नाम लेते हुए कहा कि ये देश यूक्रेन में संघर्ष को रोकने के लिए गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि वे इन देशों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और इनका सम्मान करते हैं जो इस संघर्ष को हल करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। पुतिन की यह टिप्पणी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दो हफ्ते बाद आई है, जिसमें मोदी ने जेलेंस्की के साथ युद्धविराम पर चर्चा की थी और शांति के लिए समर्थन जताया था।