रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग पिछले ढाई साल से जारी है, और दोनों पक्षों में से कोई भी हार मानने को तैयार नहीं है। इस युद्ध ने दुनिया को दो गुटों में बांट दिया है, और इसे खत्म करने की उम्मीदें अब भारत से जुड़ी हैं। भारत इस जटिल संकट को सुलझाने के प्रयास में लगा हुआ है, जिससे एक उम्मीद बनी हुई है कि यह समस्या सुलझ सकती है।
हाल ही में पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और लौटने के बाद रात को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। इस बातचीत में पीएम मोदी ने अपनी पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा के बारे में बाइडेन को जानकारी दी। दोनों नेताओं ने युद्ध के कारण बढ़ती जनहानि और इसके समाप्त होने की आवश्यकता पर चर्चा की। बाइडेन और मोदी ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की स्थिति पर भी बात की।
अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद, पीएम मोदी ने सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और उन्हें अपनी यूक्रेन यात्रा की जानकारी दी। पीएम मोदी ने पुतिन से रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की और भारत की शांति प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर भी बात की।
पूर्व IFS अधिकारी महेश सचदेव ने बताया कि पीएम मोदी की यूक्रेन और रूस की हाल की यात्राएं खास थीं, क्योंकि बहुत कम नेताओं ने युद्ध के दौरान दोनों देशों का दौरा किया है। पीएम मोदी की यह यात्रा यूक्रेन के साथ रूस के तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पीएम मोदी की यात्रा का स्वागत किया और भारत से शांति प्रयासों में सहयोग की उम्मीद जताई है।