रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक टेलीविजन मीटिंग में गंभीर चेतावनी दी है कि यदि रूस पर किसी प्रकार का मिसाइल हमला हुआ, तो वे परमाणु बम का उपयोग करने में हिचकिचाएंगे नहीं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से जारी संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ा रखा है। पुतिन ने कहा कि उन्होंने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के नियमों में बदलाव किया है, जो रूस की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
पश्चिमी देशों का यूक्रेन पर दबाव
पुतिन की इस धमकी का महत्व तब और बढ़ जाता है जब हाल के दिनों में यूक्रेन को अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों से क्रूज मिसाइलें मिल रही हैं। इनमें स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइल भी शामिल है, जो 500 किलोमीटर की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन ने इन मिसाइलों का उपयोग रूस के अंदर किया, तो इसे पश्चिमी देशों द्वारा युद्ध में सीधा हस्तक्षेप माना जाएगा।
वैश्विक तनाव और परमाणु हथियारों का जखीरा
रूस के पास लगभग 6,372 परमाणु हथियार हैं। पुतिन की धमकी ने वैश्विक स्तर पर चिंता को बढ़ा दिया है। 2020 में, रूस ने अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के नियमों में संशोधन किया था, जिसके अनुसार, यदि रूस के अस्तित्व को कोई खतरा महसूस होता है, तो वे परमाणु हमला कर सकते हैं। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में खलबली मचा दी है।
पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया
इस संकट के बीच, पश्चिमी देशों का ध्यान इस बात पर है कि रूस की धमकी का यूक्रेन के संघर्ष पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही यूक्रेन को सैन्य सहायता दी है, और उनके नए हथियारों का इस्तेमाल रूस के अंदरूनी इलाकों में भी किया जा सकता है। ऐसे में, पुतिन की धमकी ने चिंता बढ़ा दी है कि क्या यह संघर्ष और भी गंभीर हो सकता है।
भविष्य की अनिश्चितता
यूक्रेन-रूस युद्ध ने विश्व राजनीति को एक नई दिशा दी है। पुतिन की परमाणु हमले की धमकी ने वैश्विक सुरक्षा को एक नया खतरा उत्पन्न कर दिया है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यूक्रेन अपने नए हथियारों का प्रयोग करेगा या स्थिति को और बिगड़ने से रोकेगा। यदि कोई गलती हुई, तो दुनिया एक बार फिर परमाणु युद्ध के कगार पर पहुँच सकती है।
इस नाजुक स्थिति में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वे स्थिति को संयम से संभालें और किसी भी प्रकार के असावधानीपूर्ण कदम से बचें। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है।