रूसी स्पेस एजेंसी के चीफ ने किया खुलासा, बताया क्यों फेल हुआ उनका मून मिशन

रूस  ने 11 अगस्त को चांद की तरह ऐतिहासिक कदम बढ़ाया। 11 अगस्त को रूस ने अपने मून मिशन के तहत लूना-25 (Luna-25) लैंडर को लॉन्च किया था। रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस पिछले काफी समय से इस मिशन की तैयारी में जुटी हुई थी और इस मिशन से उन्हें बड़ी उम्मीद भी थी। इस मिशन का नाम लूना-ग्लोब (Luna-Glob) रखा गया था और इसके लिए सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि इस मिशन को कामयाबी नहीं मिली। 20 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर क्रैश हो गया और रूस का मून मिशन फेल हो गया। हाल ही में रूस की स्पेस एजेंसी के चीफ ने इस बारे में बात करते हुए अपने मून मिशन के फेल होने का कारण बताया।

रूस की स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल यूरी बोरिसोव  ने उनके मून मिशन के फेल होने की वजह बताई। बोरिसोव ने बताया कि मून मिशन के लिए इतना लंबा इंतज़ार करना इसके फेल होने का बड़ा कारण रहा। बोरिसोव ने कहा कि उनके वैज्ञानिकों ने 1960 और 1970 में अपनी गलतियों से काफी कुछ सीखा था और उस अनुभव का इस्तेमाल गलतियों को सुधारने के लिए किया जा सकता था। पर मून मिशन के लंबे समय तक रुकने के कारण वैज्ञानिक उन बातों को भूल गए और इसी वजह से उनका मून मिशन फेल हो गया।
बोरिसोव ने इस मून मिशन के फेल होने पर बात करते हुए यह भी कहा कि यह अंत नहीं है। उनका मून मिशन जारी रहेगा और रूस चांद पर ज़रूर पहुंचेगा। हालांकि सोवियत संघ पहले चांद पर पहुंच चुका है पर जब से रूस बना है, तब से उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली है।

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