राम मंदिर उद्घाटन से पहले पश्चिम बंगाल में साधुओं के साथ मारपीट, 12 गिरफ्तार

राम मंदिर उद्घाटन से पहले पश्चिम बंगाल में साधुओं के साथ मारपीट, 12 गिरफ्तार

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर चल रही है। इसी बीच देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी की जा रही है। पश्चिम बंगाल में साधुओं के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां साधुओं को अपहरणकर्ता समझकर भीड़ ने उनकी जमकर पिटाई करने लगी।

घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुुंची पुलिस ने भीड़ से उनको बचाया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद पालघर हादसा एक बार फिर ताजा हो गया है। इस घटना के बार बीजेपी ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला है। आइये जानते पूरा मामला क्या है।

यह घटना बंगाल के पुरुलिया जिले की है। 11 जनवरी को यूपी से एक साधु अपने दो बेटों के साथ मकर संक्रांति त्योहार के लिए एक वाहन से गंगासागर मेले जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने कुछ लड़कियों से रास्ता पूछा तो स्थानीय लोगों को संदेह हुआ। थोड़ी देर में वहां पर भीड़ जमा हो गई और उन्हें अपहरणकर्ता समझकर हमला कर दिया।

पुलिस ने इस घटना को लेकर कहा कि साधु रास्ता भटक गए थे। वे लड़कियों से रास्ता पूछने के लिए रुके थे। लेकिन लड़कियां डरकर भाग गईं और स्थानीय लोगों ने लगा कि साधुओं ने लड़कियों से छेड़छाड़ की। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने साधुओं को भीड़ से चुंगल से छुड़ाया। पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने कहा कि साधुओं से मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। इस मामले में 12 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है।

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में लोगों भीड़ साधुओं के वाहन में तोड़फोड़ कर रही है। महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना से जोड़कर इसको देखा जा रहा है। देशभर में ममता सरकार की निंदा की जा रही है।

बीजेपी IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल पर लिखा कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर जैसी लिंचिंग की घटना हुई है। गंगासागर जा रहे साधुओं को निर्वस्त्र कर पीटा जा रहा है। ममता सरकार में शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या कर रहे है।

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