अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान दिया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने कहा कि देवबंद का नाम बदलकर देववृंद कर देना चाहिए।
गिरिराज के मुताबिक यहां के दारुल उलूम से हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकी निकलते हैं, जबकि गुरुकुल से कोई भी छात्र आतंकी बनकर नहीं निकलता।
‘देवबंद को करो देववृंद’
महाकालेश्वर ज्ञान आश्रम के स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती से मुलाकात करने पहुंचे, गिरिराज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकियों ने देवबंद के मदरसों में ही शिक्षा ग्रहण की। दूसरी ओर देवबंद में संचालित गुरुकुल आश्रम से बच्चे आचार्य बनकर भारतीय संस्कृति को बचा रहे हैं। विदेशी आक्रमणकारियों ने इस कस्बे का नाम देववृंद से बदलकर देवबंद कर दिया। सरकार को देवबंद का नाम भी देववृंद कर देना चाहिए।
33 करोड़ मुस्लिमों ने बनाई 30 लाख मस्जिद
राममंदिर को लेकर भी गिरिराज ने भड़काऊ बात करते हुए उकसाने वाला बयान दिया। गिरिराज ने कहा कि जब देश में 33 करोड़ मुस्लिम 30 लाख मस्जिद बना सकते हैं तो देश का 100 करोड़ हिंदू अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर क्यों नहीं बना सकते। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना समय की मांग है। इस दौरान वो कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1947 में बंटवारे के दौरान प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू काशी और मथुरा के साथ-साथ अयोध्या का विवाद भी सुलझा लेते तो आज देश में चारों और शांति व भाईचारे का माहौल होता।
दारुल उलूम देवबंद के उलेमा आगबबूला
गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद दारुल उलूम देवबंद के उलेमा आगबबूला हो गए हैं। देवबंद को आतंकवाद से जोड़े जाने पर दारुल उलूम ने को टिप्पणी नहीं की। वहीं जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मौलाना हसीब सिद्दीकी ने जोर देकर कहा कि दारुल उलूम विश्व का पहला ऐसा मदरसा है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ वर्ष 2008 में फतवा जारी किया था।
मंत्री के मुंह से निकला शब्द सरकार का एजेंडा
वहीं तंजीम अब्ना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती याद इलाही कासमी ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत देशवासियों का ध्यान गंभीर मुद्दों से भटकाने को इस तरह की बयानबाजी की जा रही है। फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि एक मंत्री के मुंह से निकला शब्द उसकी सरकार का एजेंडा होता है।