मुंबई, एंटरटेंमेन्ट डेस्क। सैफ अली खान बॉलीवुड के उन स्टार्स में से एक हैं जो सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय रखते हैं। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में इन दिनों आम लोगों से लेकर हस्तियां तक घरों में ही वक्त बिता रही हैं। सैफ अली खान भी घर पर परिवार के संग वक्त बिता रहे हैं। हाल ही में उन्होंने देश के मौजूदा हालातों पर एक कॉनक्लेव में खुलकर बात की।
सैफ ने कहा कि सभी देशवासी एकजुट होकर एक तरह का युद्ध लड़ रहे हैं और ऐसे में हर किसी की जिम्मेदारी बनती है कि वे घर में रहें और मेडिकल स्टाफ को भी अपना काम बखूबी करने दें। सैफ ने आगे राजनीति और देश के बिगड़े हालातों पर भी बात की और कहा कि वह राजनीति को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करते क्योंकि वो ऐसी चीज है ही नहीं। उन्होंने कहा कि वह एक कलाकार होने के नाते लोगों को जोड़कर रखने में यकीन करते हैं।
सैफ ने आगे उस मानसिकता को लेकर भी अपनी राय रखी जिसमें लोग खुद को राष्ट्रप्रेमी साबित करने की होड़ में लगे हैं। सैफ ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘इसका क्या मतलब है? कई मायनों में यह अच्छी चीज है लेकिन भारतीय होने का अर्थ क्या है? क्या इसका मतलब हिंदू होना है या सिर्फ भारत में पैदा होना काफी है?’
देशभर में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों पर सैफ अली खान ने चिंता ज़ाहिर की। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में हर तरह की सोच रखने वाले लोग रहते हैं। यहां चुड़ैल को जला देने वाली सोच के लोग भी हैं और वैज्ञानिक सोच वाले भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर लोग पागलों की तरह किसी को पीटना शुरू कर देते हैं तो ये देखकर उन्हें आश्चर्य नहीं होता क्योंकि भारत में पागलों की तरह व्यवहार करना कोई नई बात नहीं है।