उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ गांजा को वैध कराने के बयान को लेकर मामला दर्ज किया गया है। यह मुकदमा गोरा बाजार चौकी के इंचार्ज राजकुमार शुक्ला द्वारा दर्ज किया गया है। सांसद पर धारा 353 (3) बीएनएस 2023 के तहत कार्रवाई की गई है।
सांसद का बयान और प्रतिक्रिया
अफजाल अंसारी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि गांजे को वैध किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि लाखों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं और धार्मिक आयोजनों में इसे भगवान का प्रसाद मानकर पिया जाता है। इस बयान के बाद साधु-संतों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि जब गांजा भगवान का प्रसाद माना जाता है, तो फिर इसे अवैध क्यों रखा जाए।
साधु-संतों का आक्रोश
अफजाल अंसारी के इस बयान पर अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सांसद का बयान बेहद अमर्यादित है। उन्होंने इसे महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन के बारे में की गई बेतुकी टिप्पणी करार दिया। उज्जैन के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने भी कहा कि सांसद की सोच भ्रष्ट हो गई है।
सांसद के तर्क
अफजाल अंसारी ने यह भी कहा कि यदि कुंभ में गांजे को भेजा जाए तो वह आसानी से बिक जाएगा। उन्होंने तर्क दिया कि जब भगवान शंकर के प्रसाद भांग पर लाइसेंस मिलता है, तो गांजे पर क्यों नहीं? सांसद ने लोगों के स्वास्थ्य और भूख पर गांजे के प्रभाव की बात भी की और मांग की कि इसे कानूनी दर्जा दिया जाए।
समाज पर प्रभाव
अफजाल अंसारी का यह बयान न केवल राजनीतिक विवाद को जन्म दे रहा है, बल्कि समाज में भी चर्चा का विषय बन गया है। साधु-संतों की नाराजगी ने इस मुद्दे को और अधिक संवेदनशील बना दिया है। इस स्थिति में, सभी की नजरें अब यह देखने पर होंगी कि इस विवाद का क्या समाधान निकाला जाता है और क्या सांसद अपने बयान पर खेद जताएंगे या नहीं।