उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अयोध्या दौरे के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के खिलाफ एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की 83 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिसके दौरान उनके बयान ने सियासी हलचल को तेज कर दिया। अब सपा नेता आईपी सिंह ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री योगीजी अयोध्या में आज भी जहाँ दीप जलते हैं उसे सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव जी ने बनवाया था।
जलन तो आपके कलेजे में मोदीजी और अमित शाह की वजह से हो रही है जो आपको कुर्सी से हटाने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री की भाषा इतनी ओछी नहीं हो सकती इससे आपके संस्कार और अशिक्षित होने…
— I.P. Singh (@IPSinghSp) September 19, 2024
सपा नेता की बयानबाजी
आईपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से योगी के बयान का जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “मुख्यमंत्री योगी जी, अयोध्या में आज भी जहां दीप जलते हैं, उसे सपा मुखिया अखिलेश यादव जी ने बनवाया था। जलन तो आपके कलेजे में मोदी और अमित शाह की वजह से हो रही है, जो आपको कुर्सी से हटाने जा रहे हैं। आपकी भाषा इतनी ओछी नहीं होनी चाहिए; इससे आपके संस्कार और अशिक्षित होने का प्रमाण मिलता है।”
सीएम योगी का विवादास्पद बयान
योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान समाजवादी पार्टी की तुलना एक कुत्ते की दुम से की। उन्होंने कहा, “जैसे कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं हो सकती, वैसे ही समाजवादी पार्टी के दरिंदे, जो बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, वे भी कभी ठीक नहीं हो सकते।” इसके साथ ही, उन्होंने सपा और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार उन माफियाओं और गुंडों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो कानून को अपने हाथ में लेते हैं।
विकास और सुरक्षा पर जोर
सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार विकास, लोक-कल्याण और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि डबल इंजन की सरकार ने समाजवादी पार्टी के भू-माफिया और गुंडों से 64 हजार हेक्टेयर जमीन को मुक्त कराया है। इसके बाद, उन्होंने विपक्षी दलों की परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे गुंडों से जमीन की मुक्ति करेंगे, तो सरगना को परेशानी होना स्वाभाविक है।
सियासी बयानों का असर
योगी का यह बयान न केवल सपा नेताओं की भड़ास का कारण बना, बल्कि इससे राजनीति में और भी गर्मी बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने इस बयान को मुख्यमंत्री की मानसिकता का परिचायक बताया है, जबकि सत्ताधारी पार्टी अपने विकास कार्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है।
इस मामले में सपा और अन्य विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया से साफ है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में तीर-तुक्के और बयानबाजी का दौर जारी रहेगा। आगामी चुनावों के मद्देनजर ऐसे बयान और भी सियासी धरातल पर हलचल पैदा कर सकते हैं।