संभल मस्जिद विवाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में सुनवाई पर लगाई रोक, 25 फरवरी को फिर होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल जिले की शाही जामा मस्जिद से जुड़े मामले में जिला अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने यह फैसला मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद लिया। कोर्ट ने इस मामले में 25 फरवरी तक सुनवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने सभी पक्षकारों से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है और मस्जिद कमेटी को दो हफ्ते में प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कहा है।
मामला क्या है?
संभल के शाही जामा मस्जिद से जुड़ा मामला पिछले कुछ महीनों से चर्चा में है। इस मामले में पहले 19 नवंबर 2023 को हरिशंकर जैन और अन्य की ओर से जिला अदालत में मुकदमा दायर किया गया था। उनका आरोप था कि शाही जामा मस्जिद की जगह पहले एक मंदिर था, और इस पर यह विवाद चल रहा था कि मस्जिद के स्थान पर कोई धार्मिक संरचना पहले मौजूद थी या नहीं।
सर्वे का आदेश और हिंसा
जब जिला अदालत ने इस मामले में सर्वे करने का आदेश दिया, तो 24 नवंबर 2023 को सर्वे के दौरान संभल में भारी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और चार लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा की घटना इतनी गंभीर हो गई थी कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने पड़े।
हाई कोर्ट में नई सुनवाई की तारीख
इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई आज यानी 8 जनवरी 2025 को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। इस दौरान शाही जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की गई। हाई कोर्ट ने इस मामले में 25 फरवरी 2025 को एक नई तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी किया था हस्तक्षेप
इससे पहले, 29 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने संभल मस्जिद को लेकर निचली अदालत द्वारा दिए गए आदेश पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को यह निर्देश दिया था कि वे इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि जब तक मामला हाई कोर्ट में है, तब तक निचली अदालत इस मामले में कोई एक्शन नहीं लेगी।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमीशन से कहा था कि वह सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जमा करें, ताकि मामले में कोई और विवाद न हो।
मस्जिद और मंदिर के विवाद का लंबा इतिहास
संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला बहुत पुराना है। यह मस्जिद पिछले कई सालों से विवादों का केंद्र बनी हुई है। कई सालों से यहां के धार्मिक स्थल को लेकर भिन्न-भिन्न मत हैं। एक ओर जहां मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद के रूप में देखता है, वहीं कुछ हिंदू संगठन दावा करते हैं कि यहां पहले एक मंदिर हुआ करता था। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई लंबी खिंचती जा रही है।
फिलहाल स्थिति
अब इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जिला अदालत में सुनवाई पर रोक लगाए जाने से मुस्लिम पक्ष को फौरी राहत मिली है। इस समय मामला कोर्ट में है और सुनवाई 25 फरवरी को फिर से होगी। इस बीच, सभी पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया है, जिससे इस मामले की कानूनी जटिलताएं और बढ़ सकती हैं।
क्या होगा आगे?
यह मामला कोर्ट में लंबा खिंचने की संभावना है। जहां एक ओर मुस्लिम समुदाय शाही जामा मस्जिद की संपत्ति को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, वहीं हिंदू पक्ष अपनी तरफ से धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्यों को पेश कर रहा है। इस मामले में कई अहम पहलू हैं, जो आने वाले समय में सामने आ सकते हैं।
हालांकि, इस केस की सुनवाई के दौरान समाज में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि इस संवेदनशील मसले पर दोनों पक्षों के बीच संवाद और समझदारी से समाधान निकल सके।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles