समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में 14 मार्च तक टला फैसला

नई दिल्ली: हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने समझौता ब्लास्ट में फैसला टाल दिया है, अब इस मामले की सुनवाई 14 मार्च को होगी. दरअसल पाकिस्तान के एक वकील ने NIA की अदालत में अर्जी दायर की है जिसमें उसने दावा किया है कि उसके पास समझौता ब्लास्ट केस के सबूत हैं.

बता दें, आज से करीब 12 साल पहले दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में IED ब्लास्ट किया गया था. 18 फरवरी 2017 को हरियाणा के पानीपत में ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था. इस हादसे में 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय नागरिक और 15 अन्य लोग मारे गए थे. मारे गए कुल 68 में से 64 आम लोग थे, जबकि 4 रेलवे के अधिकारी. ब्लास्ट के बाद कई अन्य कोच में आग लग गई थी.

हादसे के बाद हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच की. लेकिन जुलाई 2010 में जांच एनआईए को सौंप दी गई. समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पहली चार्जशीट 2011 में फाइल की गई. इसके बाद 2012 और 2013 में भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई.

ट्रेन रात के 10.50 बजे दिल्ली से रवाना हुई थी. इसमें 16 कोच थे. ब्लास्ट 2 अनारक्षित कोच में किया गया था. 4 आईईडी प्लांट किए गए थे, जिनमें 2 ब्लास्ट हुए और 2 को बाद में बरामद किया गया. केस में आठ लोग आरोपी थे, लेकिन चार लोगों ने ही ट्रायल का सामना किया.

केस में स्वामी असीमानंद को मुख्य आरोपी बनाया गया था जिन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 2015 में जमानत दे दी थी. अन्य तीन आरोपी अंबाला की जेल में कैद हैं. केस में 299 गवाह थे. लेकिन मई 2018 में स्पेशल जज ने ट्रायल के धीमा चलने और एक या दो गवाह को ही पेश किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी.

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