पीएम बोले: सरदार पटेल के विचारों में जो प्रेरणा थी उसे हर हिंदुस्तानी महसूस कर सकता है

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे पीएम मोदी
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे पीएम मोदी

31 अक्तबूर को देशभर में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती मनाई जा रही है। सरदार पटेल को लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। हर साल इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पटेल को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शाह ने दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

अमित शाह ने कहा, ‘देश आजाद होने के बाद 550 से ज्यादा रियासतों में देश को बांटने का काम अंग्रेजों ने किया था। पूरा देश और दुनिया मानती थी कि भारत को आजादी तो मिली लेकिन भारत बिखर जाएगा। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एक के बाद रियासत को देश के साथ जोड़ने का काम किया। सरदार पटेल ने 550 से ज्यादा रियासतों को एक करके देश को अखंड बनाया परन्तु एक कसक छूट गई थी जम्मू और कश्मीर, जम्मू और कश्मीर का भारत के साथ विलय तो हुआ मगर अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण जम्मू और कश्मीर हमारे लिए जैसे एक समस्या बनकर रह गया।’गुजरात के केवड़िया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल की 144वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है।

शाह ने कहा, ’70 साल हो गए लेकिन किसी ने अनुच्छेद 370 को छूना भी मुनासिब नहीं समझा, 2019 में देश की जनता ने फिरसे एक बार मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया और 5 अगस्त को देश की पार्लियामेंट ने 370 और 35ए को हटाकर सरदार साहब का अधूरा स्वप्न पूरा करने का काम किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 182 मीटर का स्टेच्यू बनाकर सरदार पटेल के काम को दुनिया के सामने पेश किया और उन्हें पर्याप्त तवज्जो और श्रद्धांजलि दी। ‘

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर केवड़िया स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रन फॉर यूनिटी की हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसका आयोजन सरदार पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री जब पटेल को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तभी भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से भी दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा पर फूल बरसाए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल आज ही के दिन सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया था।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर कहा, ‘ रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम आज देशभर के विभिन्न शहरों और गांवों में आयोजित किया जा रहा है। मैं इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हर नागरिक को धन्यवाद देता हूं। भारत ‘विविधता में एकता’ के लिए जाना जाता है। यह हमारा गौरव और हमारी पहचान है। हम लोगों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार अभी सुनें, उनकी आवाज हमारे कानों में गूंजना, उनके विचारों की वर्तमान में महत्ता, प्रतिपल देश की एकता और अखंडता के बारे में सोचना। उनकी वाणी में जो शक्ति थी और उनके विचारों में जो प्रेरणा था उसे हर हिंदुस्तानी महसूस कर सकता है। जिस तरह किसी श्रद्धास्थल पर आकर, असीम शांति मिलती है, एक नई ऊर्जा मिलती है, वैसी ही अनुभूति मुझे यहां सरदार साहेब के पास आकर होती है। पटेल ने भारत की एकता के लिए काम किया है।’

मोदी ने कहा, ‘देश के अलग-अलग कोने से, किसानों से मिले लोहे से, अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी से इस प्रतिमा का आधार बना है। इसलिए ये प्रतिमा हमारी विविधता में एकता का भी जीता-जागता प्रतीक है। अब से कुछ देर पहले ही एकता के मंत्र को जीने के लिए, उसके भाव को चरितार्थ करने के लिए, राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ देश के हर कोने में संपन्न हुई है। देश के अलग-अलग शहरों में, गांवों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है।’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने हैं। लेकिन हम कभी कभी देखते हैं कि एकरूपता, उन देशों की विशेषता और पहचान रही है। लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता, हम विविधताओं से भरे हुए हैं। विविधता में एकता हमारा गर्व, गौरव और हमारी पहचान है। हमारे यहां विविधता को सेलिब्रेट किया जाता है। हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है।’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने हैं। लेकिन हम कभी कभी देखते हैं कि एकरूपता, उन देशों की विशेषता और पहचान रही है। लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता, हम विविधताओं से भरे हुए हैं। विविधता में एकता हमारा गर्व, गौरव और हमारी पहचान है। हमारे यहां विविधता को सेलिब्रेट किया जाता है। हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है।’

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