हिन्दू धर्म में देवों के देव महादेव को समर्पित सावन का 19 अगस्त को अंतिम दिन है और आखिरी सोमवार भी. भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना के साथ ही सावन का माह खत्म हो जाएगा. मान्यता है कि सावन में सभी सोमवार के दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही जीवन की कई समस्याएं भी दूर होती है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सावन सोमवार के आखिरी व्रत पर इसका उद्यापन करना भी जरूरी होता है.
पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा 19 अगस्त को रात 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा. इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 25 मिनट से लेकर 05 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. इस समय भगवान शिव का जल से अभिषेक करना बहुत ही शुभ होता है. इस समय पूजा करने से लोगों की सभी कामनाएं पूरी होती हैं
सावन सोमवार उद्यापन विधि
- सोमवार व्रत का उद्यापन करने के लिए सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व्रत का संकल्प लें.
- पूजा शुरू करने से पहले पूजास्थल को गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें.
- एक चौकी पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें.
- भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं और माता पार्वती को सिंदूर कुमकुल लगाएं.
- धूप-दीप जलाकर उन्हें फूल, फल, पान, सुपारी, मौली आदि चीजें अर्पित करें.
- भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि भी अर्पित करें और पंचामृत का भोग लगाएं.
- पूजा के अंत में शिवजी की आरती कर मनचाहा फल पाने की कामना करें.
- पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन, दक्षिणा या वस्त्र दान कर उद्यापन को पूरा करें.