चुनाव आयोग को चुनावी बांड की जानकारी देने के एक दिन बाद SBI ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में बैंक ने 15 फरवरी 2024 तक इलेक्टोरल बांड के खरीदे जाने और उन्हें भुनाए जाने की पूरी जानकारी साझा की है. SBI द्वारा दिए गए डाटा के अनुसार, 1 अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 तक कुल 3,346 चुनावी बांड खरीदे गए और कुल 1609 बांड भुनाए गए. वहीं 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक कुल 18,871 इलेक्टोरल बांड खरीदे गए और 20,421 बांड भुनाए गए.
इलेक्टोरल बांड का पूरा डाटा एक पैन ड्राइव में दिया गया है. पूरा डाटा पीडीएफ में हैं और इस पैन ड्राइव के दो पासवर्ड है. पेन ड्राइव के पासवर्ड एक दूसरे लिफाफे में दिए गए हैं. इससे एक दिन पहले एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलेक्ट्रोरल बांड की जानकारी चुनाव आयोग को दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी थी SBI की मांग
बता दें कि एसबीआई ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से बांड की जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था लेकिन कोर्ट ने बैंक की याचिका को ठुकरा दिया था.
‘आपको केवल सीलबंद लिफाफा खोलना है’
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की पांच जजों की बैंच ने बैंक को फटकार लगाते हुए कहा था कि पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए आपके पास कोई जवाब नहीं है. ‘आपको केवल सीलबंद लिफाफे को खोलना है, जानकारी जुटानी है और चुनाव आयोग को देनी है.’
गौरतलब है कि 15 जनरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड स्कीम को असंवैधानिक और आरटीआई के आर्टिकल 19 (1) (a) का उल्लंघन करार देते हुए रद्द कर दिया था.