राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील अशोक पांडे ने पूछा था कि क्या एक अभियुक्त की दोषसिद्धि पर कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के आधार पर लोकसभा सदस्य की अयोग्यता को रद्द कर उसे फिर बहाल किया जा सकता है?
जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने याचिका को रद्द करते हुए कहा याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। याची के किसी मौलिक अधिकार का हनन नहीं हुआ, इसी के अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील अशोक पांडे को जुर्माना राशि के 50 हजार रुपये सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और बाकी सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड कल्याण कोष में जमा करने को कहा है। आदालत ने आगे निर्देश दिया कि यदि 1 महीने के भीतर जुर्माना जमा नहीं कराया गया, तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।
बता दें कि इस साल जनवरी में कोर्ट ने मोहम्मद फैजल को हत्या के मामले में दोषी करारते हुए सजा सुनाईथी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर उन्हें संसद सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके बाद मोहम्मद फैजल ने इसको लेकर अपील दायर की थी। इस मामले में शीर्ष अदालत ने ने 29 मार्च को एनसीपी के लक्ष्यदीप से सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल करने की लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन को ध्यान में रखते हुए संसद सदस्य के तौर पर उनकी अयोग्यता के खिलाफ दाखिल अर्जी का निपटारा किया था।