sc verdict on ews: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार यानी आज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 4:1 बहुमत के साथ 10 प्रतिशत रिजर्वेशन को जारी रखने का आदेश दिया है। पांच में से तीन जजों ने EWS कोटा के पक्ष में आदेश सुनाते हुए कहा कि यह संविधान का उल्लंघन नही है।
बेंच के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के लिए संशोधन को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया उदय यू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने इस पर असहमति जाहिर की है। EWS एमेडमेंट को बरकराकर रखने के पक्ष में फैसला 3:2 के रेसियो में हुआ।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पांच-जजों की बेंच 103 वें संविधान संशोधन को चुनौती देने वाले आवेदन पर सुनवाई कर रहा था, जो वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है।
Five-judge Constitution bench of the Supreme Court upholds the validity of the Constitution's 103rd Amendment Act 2019, which provides for the 10 per cent EWS reservation amongst the general category.
Four judges uphold the Act while one judge passes a dissenting judgement. pic.twitter.com/nnd2yrXm0P
— ANI (@ANI) November 7, 2022