नई दिल्ली: साल 1978 में आई फिल्म विश्वनाथ, जिसमें हीरो की भूमिका में थे शत्रुघ्न सिन्हा। इस फिल्म का एक डायलॉग बहुत पॉपुलर हुआ था। वहां डायलॉग था कि जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने, उस विश्वनाथ कहते हैं। उस किरदार में बदले की भावना थी जिसे शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्माया था। एक बार फिर उसी किरदार में शत्रुघ्न सिन्हा नजर आना चाहते हैं।
अपनी वर्षों पुरानी पार्टी छोड़ जब शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल होकर जिस अंदाज में वह भाजपा के मौजूदा नेताओं पर प्रहार किया इससे साफ संकेत मिल गए। पिछले कई वर्षों से शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के नेतृत्व से नाखुश थे। समय-समय पर कई दलों में उनके शामिल होने की अटकलें भी लगाई जाती रही लेकिन आखिरकार वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
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इस मौके पर सिन्हा ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में उन्होंने लोक शाही को धीरे-धीरे तानाशाही में परिवर्तित हो चुकी है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मौजूदा भाजपा नेतृत्व ने यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी जैसे कद्दावर शख्सियतों को निपटा दिया गया। इस मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा ने पूछा कि आखिर भाजपा सरकार में उन्हें मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि क्या उनके अंदर काबिलियत नहीं या फिर उनके अंदर क्या कमी थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा में इस वक्त तानाशाही सरकार चल रही है।
उन्होंने कहा कि ये वन मैन शो और टू मैन आर्मी की सरकार है। शत्रु ने कहा कि केंद्र के मंत्रियों को अपना सचिव रखने की इजाजत रखने की नहीं थी। माना जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पुरानी सीट पटना साहिब से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले और उनका मुकाबला भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद से होगा। अब देखने वाली बात होगी कि आगामी चुनाव जीतकर वह ‘विश्ननाथ’ बनने वाले या उन्हें उनकी पुरानी पार्टी ‘खामोश’ कर देगी।