प्रयागराज: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान पवित्र संगम में स्नान किया। यह अवसर भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए जुटते हैं। पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक मौके पर मां गंगा की पूजा अर्चना भी की। उनके संग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। यह स्नान पीएम मोदी के लिए एक धार्मिक और ऐतिहासिक क्षण था, जो न केवल उनके अपने श्रद्धा भाव को व्यक्त करता है, बल्कि इसे करोड़ों भारतीयों के लिए एक श्रद्धा का प्रतीक भी माना जा रहा है।
पीएम मोदी का प्रयागराज पहुंचने का सफर
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से विशेष वायुसेना विमान के माध्यम से प्रयागराज की यात्रा की। वह हेलीकॉप्टर के जरिए डीपीएस हेलीपैड पहुंचे, जहां से उनका काफिला सीधे अरेल घाट की ओर बढ़ा। यहां से पीएम मोदी ने नाव की सवारी की और पवित्र संगम तक का सफर तय किया। इस दौरान उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। संगम पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा में पवित्र डुबकी लगाई और श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की।
महाकुंभ की धूम
प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन इस बार ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह मेला 144 साल बाद आयोजित हो रहा है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और 26 फरवरी तक यह चलता रहेगा। महाकुंभ का स्नान लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक होता है। इस बार के महाकुंभ में अब तक 38 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया है। यूपी सरकार का अनुमान है कि 26 फरवरी तक कुल 45 करोड़ श्रद्धालु इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनेंगे।
महाकुंभ में हर साल की तरह अमृत स्नान (शाही स्नान) होते हैं, जो खासतौर पर पवित्र माने जाते हैं। अगले अमृत स्नान का आयोजन 12 फरवरी को होगा और अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इसके बाद महाकुंभ का समापन होगा। इसके अतिरिक्त, महाकुंभ के अलावा हर 6 साल में अर्धकुंभ और हर 12 साल में पूर्णकुंभ का आयोजन किया जाता है, जो प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नाशिक में आयोजित होते हैं।
भारत के प्रमुख नेता भी पहुंचे संगम
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान कई प्रमुख नेताओं और हस्तियों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई है। 1 फरवरी को 77 देशों के 118 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी संगम में पवित्र स्नान किया था। इसके अलावा, 1 फरवरी को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी संगम में स्नान किया। इससे पहले 27 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने परिवार के साथ संगम में स्नान किया।
भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भी मंगलवार को प्रयागराज पहुंचकर संगम में पवित्र स्नान किया। इस प्रकार, महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं और गणमान्य व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
महाकुंभ का धार्मिक महत्व
महाकुंभ का महत्व केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में है। इस विशेष अवसर पर लाखों लोग अपनी श्रद्धा और विश्वास को व्यक्त करने के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं। हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह आयोजन लाखों श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का साधन बनता है।
आगामी कार्यक्रम
महाकुंभ में अब तक कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हो चुके हैं, लेकिन अभी भी प्रमुख स्नान दिवस बाकी हैं। 12 फरवरी को होने वाला अगला शाही स्नान इस महाकुंभ के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहेगा। इसके बाद, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन आखिरी शाही स्नान होगा, जिसके बाद महाकुंभ का समापन होगा।
कुल मिलाकर, प्रयागराज महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर बन चुका है। यहां लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के साथ मौजूद हैं, और प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के इस आयोजन में भाग लेने से महाकुंभ की महत्ता और भी बढ़ गई है।