भोपाल में हुआ शहीद का अंतिम संस्कार, 12 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि

भोपाल: छत्तीसगढ़ के धमतरी में शुक्रवार को हुए नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान हरीश चंद्र पाल का पार्थिव शरीर शनिवार को भोपाल लाया गया। अमरकंटक एक्सप्रेस से शहीद जवान का पार्थिव शरीर हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर लाया गया, यहां सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने मिलकर ‘हरीश चंद्र अमर रहोगे’ के नारे भी लगाए। शहीद सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर के भोपाल पहुंचने पर पार्थिव शरीर को हबीबगंज रेलवे स्टेशन से सीधे उनके निवास अवधपुरी ले जाया गया। बाद मे सुभाष विश्राम घाट पर उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। वहीं जब हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर शहीद जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा, तो उस दौरान यहां मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, गोविंदपुरा क्षेत्र के विधायक कृष्णा गौर और सांसद आलोक संजर समेत पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ जवानों पर हुई अचानक फायरिंग में मप्र की राजधानी भोपाल के रहने वाले हरिश्चंद पाल शहीद हो गए थे। शहीद जवान का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह भोपाल पहुंचा। जहां आज उनका सुभाष नगर विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित धमतरी जिले में शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में शहीद हुए हरीश पाल सीआरपीएफ की 211वीं बटालियन के बोराई कैंप में पदस्थ थे। शहीद जवान का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह अमरकंटक एक्सप्रेस से भोपाल स्थित उनके घर पहुंचा। जहां उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के जन सैलाब उमड़ पड़ा। शहीद हरीश पाल के शहीद होने की खबर आने के बाद से ही भोपाल समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर थी। वहीं शहीद के परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है।

शहीद हरीश चंद्र पाल के परिवार में उनकी छोटी बच्ची, पत्नी , दो भाई और माँ हैं। हरीश पाल के अचानक जाने से पूरा परिवार गमगीन है, घटना के बाद उनकी पत्नी और छोटी बच्ची को संभालना परिजनों के लिए मुश्किल हो रहा था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधायक कृष्णा गौर, संसद आलोक संजर और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी शहीद के अंतिम दर्शन करने शाहिद के घर पहुचे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद आलोक संजर ने शहीद की अर्थी को कंधा दिया। सुभाष नगर विश्राम घाट पर शहीद जवान हरीश चंद्र पाल को सीआरपीएफ ने हवाई फायर कर सशसत्र सालमी दी। जिसके बाद शहीद की 12 वर्ष की बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

मप्र के जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में सरकार शहीद के परिवार के साथ है, और उन्हें हर सम्भव मदद मुहैया कराई जाएगी। इस दोरान शहीद की बेटी मिष्ठी ने देश के लिए कुर्बान होने वाले पिता को मुखाग्नि दी। जिसने भी इस तस्वीर को देखा उसका मन भर आया। इससे पहले जब फूलों से सजी गाड़ी में शहीद का पार्थिव देह घर पहुंचा तो पत्नी, बेटी और रिश्तेदारों की आंखों से आंसू फूट पड़े। सुबह से ही शहीद के घर के बाहर लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर होते-होते तो यहां पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी।

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