कानपुर: दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव पर जूता फेंकने से हड़कंप मच गया. इस कांड में डॉ. शक्ति भार्गव का नाम सामने आया है. बता दें कि शक्ति भार्गव कानपुर के रहने वाले हैं. जब सुरक्षाकर्मी उन्हें कमरे से बाहर ले जा रहे थे तो उन्होंने एक विजिटिंग कार्ड उछाला. उसपर शक्ति भार्गव लिखा हुआ था. हालांकि अभी जूता फेंकने की वजह सामने नहीं आई है.
बता दें, शक्ति भार्गव कानपुर स्थित भार्गव हॉस्पिटल का मालिक है. करीब साढ़े चार माह पहले आयकर विभाग ने उनके घर और अस्पताल पर छापा मारा था. यह कार्रवाई काफी दिनों तक चली थी. आयकर विभाग को छापे में डॉ. शक्ति भार्गव और उनकी मां डॉ. दया भार्गव के पास से 1.42 लाख रुपये की पुरानी बंद हो चुकी करेंसी मिली थी. इसके अलावा आयकर अधिकारियों को आठ करोड़ रुपये के निवेश के कागज भी मिले थे.
अधिकारियों के मुताबिक, यह निवेश रीयल इस्टेट से जुड़ी स्काईलाइन प्राइवेट लिमिटेड में किया गया था जिसमें अनूप अग्रवाल उनके सहयोगी थे. जांच में यह भी पता चला कि अनूप अग्रवाल इस्टेट के कारोबार से जुड़े रुद्रा ग्रुप के प्रबंध निदेशक थे. आयकर ने उनके तिलक नगर स्थित आवास के अलावा लखनऊ और वाराणसी वाले आफिस में भी छापेमारी की थी.
दरअसल, डॉ. शक्ति भार्गव ने बीआइसी के तीन बंगले अपने परिजनों के नाम से खरीदे हैं. हालांकि अधिकारियों ने उनसे पूछा भी था कि इन बंगलों को खरीदने के लिए वह इतनी रकम कहां से लाई. वहीं मामले की जांच के लिए आयकर अधिकारियों ने दिल्ली तक छापेमारी की. साथ ही वहां की टीम का भी सहारा लिया था.
इस दौरान आयकर अधिकारियों को शक्ति भार्गव के घर से 28 लाख रुपये, 50 लाख के जेवर, हीरों का एक हार बरामद हुआ. बता दें कि दोनों भाइयों के इलाहाबाद बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक में सात लॉकर हैं.