5,000 साल पुराना है पाकिस्तान में स्थित शारदा मंदिर, जानिए इसकी खासियत

नई दिल्ली: करतारपुर के बाद पाकिस्तान सरकार ने प्राचीन हिंदू मंदिर शारदा पीठ को दुनिया के लिए खोलने का फैसला किया है. इसके साथ ही अब भारत से हिंदू तीर्थयात्रियों को इस मंदिर में जाकर दर्शन करने का मौका मिल सकेगा. आपको बता दें कि पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्र में करतारपुर गलियारे के बाद शारदा पीठ दूसरा धार्मिक स्थल है जो दोनों पड़ोसी देशों को जोड़ने का काम करेगा.

दूसरी तरफ पाक के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि भारत पहले से ही शारदा पीठ मंदिर के गलियारों को खोलने के बारे में पाकिस्तान को प्रस्ताव भेज चुका है.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है मंदिर

आपको बता दें कि अशोक के साम्राज्य में 237 ईस्वी पूर्व स्थापित प्राचीन शारदा पीठ मंदिर 5000 साल पुराना है. यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित है जिसे 1947-1948 से स्थानीय प्रशासन ने बाहरी तीर्थयात्रियों के लिए बंद कर रखा है. हालांकि कश्मीर में रहने वाले हिंदू समुदाय ने कई बार इस कॉरिडोर को बनाने की मांग की थी. वहीं पीडीपी भी इसे लेकर कई बार अपनी आवाज बुलंद कर चुकी है.

श्रीनगर से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शारदा पीठ देवी के 18 महाशक्ति पीठों में से एक है. यह एलओसी से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हिंदू मान्यता के मुताबिक, यहां पर माता सती का दायां हाथ गिरा था. इस मंदिर में देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा मंदिर को ऋषि कश्यप के नाम पर कश्यपपुर के नाम से भी जानते हैं.

ऐसा माना जाता है कि यहां पर ऋषि पाणीनि ने अपने अष्टाध्यायी की रचना की थी. इसके अलावा शंकराचार्य यहीं सर्वज्ञपीठम पर बैठे थे. रामानुजाचार्य ने यहां ब्रह्म सूत्रों पर अपनी समीक्षा लिखी. इसलिए इस पावन स्थल को शिक्षा का केंद्र भी कहते हैं.

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