नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर 2014 में पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप स्वीकार कर लिए। अदालत ने कहा कि ‘राजनेता के खिलाफ कार्यवाही के पर्याप्त आधार हैं।’
दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने शशि थरूर को 7 जुलाई को अदालत के समक्ष प्रस्तुत होने को कहा।
विशाल ने कहा, “मैंने आरोपपत्र के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों पर विचार किया। दिवंगत सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप व उनके साथ क्रूरता का संज्ञान लिया। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मैंने संज्ञान लिया कि आत्महत्या के लिए उकसावा आईपीसी की धारा 306 व क्रूरता आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंडनीय है। शशि थरूर के खिलाफ अभियोग को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।”
दंडाधिकारी ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के आवेदन पर लिखित उत्तर देने के लिए अभियोजन पक्ष को नोटिस भी जारी किया।
सुनंदा पुष्कर की मौत जहर से हुई थी। उनके कमरे से अलप्राक्स की कुल 27 गोलियां मिली थीं, लेकिन यह साफ नहीं है कि सुनंदा ने कितनी गोलियां खाई थीं।
पुलिस ने अपने 14 मई के आरोपपत्र में थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने व पत्नी से क्रूरता का आरोप लगाया। थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 498ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 10 साल तक जेल हो सकती है।
सुनंदा पुष्कर (51) होटल के कमरे में 17 जनवरी 2014 को मृत पाई गई थीं। सुनंदा ने कथित तौर पर अपने पति थरूर व पाकिस्तानी पत्रकार के बीच संबंध होने की बात कही थी, जिसके कुछ दिनों बाद उनकी मौत हुई।