महाराष्ट्र में आज शिवसेना विधायक दल की बैठक मुंबई में शुरू हो चुकी है, जिसमें नेता चुना जाएगा। बैठक से पहले शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद पर सख्ती बरकरार है। बैठक से पहले शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि हमें कोई बच्चा पार्टी न समझें। हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं, बल्कि हमारे दोस्त (भाजपा) अपने वादे से मुकर गई। आपको बतादें कि, विधायक दल की बैठक में शिवसेना आदित्य ठाकरे को अपना नेता चुन सकती है। जो पहली बार विधायक चुनकर आए हैं लेकिन अभी भी भाजपा से मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है।
संजय राउत ने कहा कि, महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है। शिवसेना ने दावा किया है कि चार निर्दलीय विधायक मंजुला गावित, चंद्रकांत पाटिल, आशीष जायसवाल, नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना को समर्थन देने का फैसला किया है। आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि महायुती (भाजपा-शिवसेना) को स्पष्ट बहुमत मिला है। कल देवेंद्र फडणवीस भाजपा के विधायक दल के नेता चुने गए। हमने सीएम के लिए उनके नाम के समर्थन का फैसला किया है, वही रेस में सबसे आगे हैं।
बैठक से पहले संजय राउत ने कहा कि हम अपनी मांग से पीठे नहीं हटे हैं बल्कि भाजपा अपने किए वादे भूल गई है और वे अपने 50-50 के वादे से पीछे हट रहे हैं। चुनाव से पहले 50-50 फॉर्मूले पर बात हुई थी, इसे देवेंद्र फडणवीस ने भी कबूला है।’ संजय राउत ने कहा, ‘अगर 105 विधायकों से समर्थन से मुख्यमंत्री पद मिलता हो, तो संविधान में वो कहां पर है, हमें दिखाइए।’
सूत्रों की मानें तो, शिवसेना की इस बैठक से पहले ही भाजपा की ओर से ऑफर की बात भी सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी सरकार गठन के लिए शिवसेना को 13 मंत्रालय और एक डिप्टी सीएम पद ऑफर कर सकती है। हालांकि, भाजपा शिवसेना को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहती है।
दरसल, महाराष्ट्र में हुए चुनाव में इस बार भाजपा को 105, शिवसेना को कुल 56 विधायक मिले हैं। हालांकि चुनाव के बाद दोनों दल अपने-अपने स्तर पर निर्दलीयों का समर्थन लेने में जुटे हैं। अभी तक बीजेपी 15 निर्दलीय और शिवसेना 7 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है।