उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद सीट एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है. आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर एक बार फिर चाचा-भतीजे की जंग देखने को मिल सकती है. आपको बता दें कि बीते शनिवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने की बात कही है.
शिवपाल यादव ने कहा कि 3 फरवरी को फिरोजाबाद में होनी वाली रैली के दौरान मैं वहां से चुनाव लड़ने का ऐलान करूंगा. फिलहाल इस सीट से उनके चचेरे भाई और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद हैं. यूपी विधानसभा से ठीक पहले यादव परिवार में जो जंग छिड़ी थी वह अब लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकती है. शिवपाल का फिरोजबाद सीट चुनना जाहिर तौर पर दिखाता है कि वह अपने भतीजे अखिलेश के खिलाफ फ्रंट फुट पर खेलने के मूड में हैं.
अखिलेश यादव पर साधा निशाना
शिवपाल यादव ने शनिवार को अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन को लेकर अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि ना ही मैं और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मायावती को बहन मानते हैं. तो कैसे अखिलेश उनको बुआ बुला रहे हैं. उन्होंने कहा कि मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. वह कभी सपा को ‘गुंडों की सरकार’ कहा करती थीं.
सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी शिवपाल की पार्टी
बता दें कि शिवपाल यादव की पार्टी आगामी चुनाव में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन भतीजे अखिलेश यादव से मतभेद के बाद किया था.
शिवपाल ने जब फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो इसपर रामगोपाल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को कहीं से भी लड़ने का अधिकार है. शिवपाल लड़े, मुझे ऐतराज नहीं है.
विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी पहली ‘जंग’
यह कोई पहली बार नहीं है कि जब यादव परिवार की लड़ाई देखने को मिलेगी. इससे पहले चाचा-भतीजे की जंग तब शुरू हुई थी जब सपा ने तीन युवा नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित कर दिया. यह फैसला शिवपाल के इशारे पर लिया गया था जिसकी घोषणा तब प्रदेश अध्यक्ष रहे अखिलेश यादव ने भी की थी. इसके बाद कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया.