mahashivratri shivratri 2019: ‘महाशिवरात्रि‘ यानी शिव और शक्ति के संगम का दिन…अद्र्धनारीश्वर स्वरूप की आराधना का दिन। सोमवार की मध्यरात्रि में भगवान भोलेनाथ और मां गौरी का विवाह होगा। मन:कामेश्वर महादेव मंदिर के महंत योगेशपुरी कहते है कि बाबा मन:कामेश्वर दूल्हा बनकर जब निकलेंगे तो पूरा शहर उनको देखने के लिए पलक पांवड़े बिछाए होगा।

ज्योतिषाचार्य पूनम वाष्र्णेय ने बताया कि एक साल में 12 शिवरात्रि पड़ती है लेकिन इन 12 में से फाल्गुन की शिवरात्रि का महत्व कई गुना अधिक है। यह शिवरात्रि कोई साधारण शिवरात्रि नहीं बल्कि महाशिवरात्रि होती है। इस दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। शिव की पूजा पूजा और भक्ति करने से ही कष्ट दूर हो जाते हैं।  सच्चे मन से शिव भक्ति करने वाले भक्तों पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है

व्रत रखने से तन का शुद्धीकरण होता है। व्रत रखने से रक्त शुद्ध होता है। आतों की सफाई होती है। पेट को आराम मिलता है। उत्सर्जन तंत्र और पाचन तंत्र, दोनों ही अपनी अशुद्धियों से छुटकारा पाते हैं। कई रोगों से मुक्ति मिलती है। श्वसन तंत्र ठीक होता है। उपवास रखने से कलोस्ट्रोल के स्तर कम होता है। व्रत से स्मरण शक्ति बढ़ती है।  व्त वाले दिन मेटाबॉलिक रेट में तीन से 14 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है। दिमाक स्वस्थ रहता है।

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