नई दिल्ली: कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किए जाने को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि 23 मई को सत्ता में आने के बाद वह जेपीसी से इसकी जांच कराने का आदेश देगी। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लड़ाकू विमानों की खरीद में हुए ‘घोटाले’ के ‘असली दोषियों’ के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि ‘असली दोषियों’ का पता लगाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच एकमात्र समाधान है।
उन्होंने कहा, “23 मई को कांग्रेस सत्ता में आएगी, हम राफेल घोटाले की जेपीसी जांच का आदेश देंगे।” सिंघवी ने कहा कि दस्तावेजों के तीन सेट हैं, जिसे मोदी सरकार शीर्ष न्यायालय से छिपाना चाहती है। उन्होंने एक बयान में कहा, “राफेल घोटाले के बचाव में मोदी सरकार ने झूठ बोला, कपट किया, चालाकी की, विश्वासघात किया और धोखेबाजी की।” सिंघवी ने कहा कि पहला दस्तावेज राफेल सौदे के लिए समानांतर समझौते से संबंधित है।
उन्होंने कहा, “24 नवंबर, 2015 को रक्षा सचिव ने तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को पत्र लिखा था जिसमें कहा गया है कि पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) को सलाह दी जाए कि वह राफेल सौदे पर समानांतर समझौत न करे, क्योंकि ऐसा किया जाना जोखिम में डालना और इंडियन निगोशिएशन टीम (आईएनटी) को नजरअंदाज करना माना जाएगा।” सिंघवी ने कहा कि दूसरा दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल द्वारा राफेल सौदे पर किए गए समझौते से संबंधित है। तीसरा दस्तावेज सौदे पर आईएनटी का वह असहमति पत्र है, जिसमें तीन सदस्यों ने सौदे के विभिन्न स्वरूपों पर आपत्ति जताई थी।